*😂अगिया बेताल😂*
क़मर सिद्दीक़ी
*बड़े भिखारियों के लिये भी क़ानून बनाओ*
प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक फ़रमान जारी किया गया है कि, अब सिग्नल, धार्मिक स्थलों, व सार्वजनिक स्थलों पर भीख मांगने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी।
दलील दी जा रही है कि, इसमें कुछ अपराधी,तो कुछ नशे के लिये ये काम करते हैं।
इन पर तो कार्रवाई हो जाएगी, पर भारत में आज जो सब से बड़े भिखारी हैं, उन के लिये भी कोई क़ानून बनेगा क्या.? पंचायत, विधानसभाओं से ले कर संसद तक एक से बढ़ कर एक दिग्गज भिखारी मौजूद हैं। इनमें नशाख़ोर,अपराधी, बलात्कारी, तस्कर हर तरह की बैरायटी मिल जाएगी। ये ग़रीब तो रोज़ कमाते और रोज़ खाते हैं। पर ये दूसरे वाले पांच सालों में चंद दिनों भिक्षावृत्ति करते हैं, और ओर पांच वर्षों तक मौज उड़ाते हैं। हो सकता है चौराहों पर भीख मांगने वालों में से कई शराब भी इस्तेमाल करते होंगे, पर ये शराब जनता का ख़ून पीने से तो बेहतर ही है। आम भिखारियों को तो केवल दान दाताओं का सहारा होता है, पर "बड़े भिखारियों" के लिये तो बाक़ायदा सरकारी पेंशन का भी प्रावधान है। किसी को यदि सरपंची, विधायकी,और सांसदी तीनो मंच से भीख मांगने का अवसर प्राप्त हुआ, तो उसे तीन पेंशने मिलेंगी।
ये भी अजीब विडंबना है कि, गली, चौराहों पर मांगने वालों को लोग हिक़ारत की निगाह से देखते हैं, पर बड़े भिखारियों का फूल, मालाओं, और गगन चुम्बी नारों से सम्मान किया जाता है।
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