सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

राजगृह में एक सेठ के घर पूर्णा नाम की दासी थी।

 


🌻धम्म प्रभात🌻


"सदा जागरमानानं, 

अहोरत्तानुसिक्खिनं।

निब्बानं  अधिमुत्तानं,

अत्थं गच्छन्ति आसवा।।"


- सदा जागरणशील हो दिन-रात शिक्षण (ध्यान)  में रत रहने वाले तथा निर्वाण  के  प्रति प्रयत्नशील लोगों के आस्रव नष्ट हो जाते है।


राजगृह में एक सेठ के घर पूर्णा नाम की दासी थी। 

एक रात वह धान कूटते- कूटते  पसीने से तरबतर हो गई थी।  थक गई थी। रात काफी हो चुकी थी उस समय वह बाहर आकर खडी थी। तब उसने देखा- पास के गृध्रकूट पर्वत से उतर कर भगवान के उपदेश सुनकर भिक्षुओ इधर-उधर जाते थे। पूर्णा के मन में विचार  आया-  इतनी रात गए  ये भिक्षु यहां क्या कर रहे है? क्यों जाग रहे है?  मैं तो धान कूटती थी इसलिए जाग रही हूं। वह भिक्षुओं के बारे में सोचती रही,जागती रही।


दूसरे दिन पूर्णा ने आग पर सेंक कर रोटी तैयार  की और  नदी तट पर गई। रास्ते में तथागत  प्रात: उसी रास्ते  से भिक्खाटन हेतु आ रहे थे। पूर्णा ने उन्हें वह रोटी भोजनदान में दी।  भोजनोपरांत भगवान ने पूर्णा से पुछा- पूर्णा! रात को क्या सोच रही थी? पूर्णा ने बताया कि- मुझे कठोर परिश्रम करती हूं और अपने दु:ख के कारण  रात को जगती हूं,लेकिन इतनी रात भिक्खुओं के जागने का क्या कारण हो सकता है? 

भगवान ने कहा- पूर्णा!  इसलिए तुम्हे जागना पडता है क्योंकि तुम अपने दु:खों के कारण,  चिंता के कारण और  विकारों के कारण जागती रहती है। परंतु ये भिक्खु ध्यान में मग्न, विपश्यना में रत, विवेक और  प्रविचय में लीन रहते है, इस कारण से वे इतनी रात भी जागते है।  तुम्हारी नींद और  भिक्खुओं की नींद में भेद है।  घ्यानी सोता है तो भी सोता नहीं है और  तुम जागते हो तो जागते नहीं हो।  पूर्णा! तू भी भिक्खुओं की तरह जागरण सीख। जो सदा  जागरुक  रहते है  और  दिन-रात सीखते हैं और निर्वाण ही जिनका एक मात्र उदेश्य है, उनके ही आस्रव नष्ट होते है। ऐसा कहकर भगवान ने गाथा में कहा-


"सदा जागरमानानं, 

अहोरत्तानुसिक्खिनं।

निब्बानं  अधिमुत्तानं,

अत्थं गच्छन्ति आसवा।।"


नमो बुद्धाय🙏🙏🙏 

 Ref: घम्मपद: कोध वग्गो 


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ये राजस्थान भाजपा सरकार की डिप्टी सीएम प्रिंसेस दिया कुमारी हैं

  ये राजस्थान भाजपा सरकार की डिप्टी सीएम प्रिंसेस दिया कुमारी हैं ‌ इनके परदादा के परदादा थे मान सिंह,  मान सिंह की बहन थी जोधा बाई,  जोधा बाई के पोते का नाम था औरंगजेब। औरंगजेब के रीश्तेदारों को भाजपा डिप्टी CM बनाती हैं, और उधर अंधभक्त औरंगजेब को गालियां देते हैं! भाजपा गड़े मुर्दे उखाड़ती है तो यहाँ गड़ा इतिहास उखाड़ लाया गया है।

उत्तर प्रदेश सिविल जज परीक्षा (पी०सी०एस० जे)

  उत्तर प्रदेश सिविल जज परीक्षा (पी०सी०एस० जे) का परिणाम रैंक सहित सूची पर जरा गौर करें... 1.आकांक्षा तिवारी      रैंक 1  2.प्रतीक त्रिपाठी         रैंक 3 3.मीता पांडेय             रैंक 7 4.अनीमा मिश्रा           रैंक 13 5.सौरभ शुक्ला           रैंक 16 6.प्रशांत शुक्ला           रैंक 17  7.सौरभ पांडे              रैंक 20  8.ज्योत्सना राय          रैंक 21 9.रीचा शुक्ला             रैंक 24 10.रूचि कौशिक        रैंक 27 11.सौम्य भारद्वाज      रैंक 30  12.सौम्य मिश्रा          रैंक 34 13.वरूण कौशिक      रैंक 37  14.देवप्रिय सारस्वत    रैंक 38 15.सोनाली मिश्रा        रैंक 40  16.शिप्रा दुबे  ...

वो कौन VIP था जिसके साथ सोने से इनकार करने पर अंकिता को इतनी बड़ी सज़ा मिली?

  वो कौन VIP था जिसके साथ सोने से इनकार करने पर अंकिता को इतनी बड़ी सज़ा मिली?  क्या देश उस ‘VIP’ को पहले से जानता है?  उस VIP का नाम कभी बाहर क्यों नहीं आया? अंकिता भंडारी की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उसने रिजॉर्ट में रुके किसी ‘VIP’ गेस्ट के साथ सोने से इनकार कर दिया था. महिला सशक्तिकरण?? 🤔🤨🤨😏