👉 *बौद्ध धर्म को स्वीकार करना मतलब ग़लत परम्पराओं और रीति-रिवाजों को त्यागकर युगपुरुष गौतम बुद्ध को आदर्श और बौद्ध धर्म को पहचान के रूप में स्वीकार करना है.*
👉 *बौद्ध बनने के लिए आपको धम्म दीक्षा लेने या दीक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है. बस "हिंदू" के बजाय "बौद्ध" लिखें.*
👉 *प्रारंभिक बिंदु:*
*अपने बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाते समय धर्म वाले कॉलम में "बौद्ध" लिखें और जाति वाले कॉलम में अपनी जाति, जैसे महार, चमार, बलाई, पासी आदि लिखें.*
👉 *"धर्म बौद्ध" लिखने से आपके बच्चे की पहचान बौद्ध के रूप में स्थापित हो जाएगी, और जाति निर्दिष्ट करने से आपका बच्चा संवैधानिक आरक्षण और सुरक्षा के लिए पात्र बना रहेगा.*
👉 *यदि पहली पीढ़ी इस पद्धति को अपना लेगी, तो दूसरी पीढ़ी भी इसका अनुसरण करेगी, तथा तीसरी और चौथी पीढ़ी तक भारत में एक वास्तविक एकीकृत बौद्ध समाज उभर कर सामने आएगा.*
संदर्भ: संविधान (अनुसूचित जाती) आदेश (सुधारित) 1950.
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