बाबा साहब दूरदृष्टा थे, वे जानते थे कि आने वाली पीढ़ी और अधिक बुद्धिमान होगी, जो तर्क तो करेगी परन्तु सही और गलत में फर्क ठीक से नहीं कर पाएगी।
बाबा साहब दूरदृष्टा थे, वे जानते थे कि आने वाली पीढ़ी और अधिक बुद्धिमान होगी, जो तर्क तो करेगी परन्तु सही और गलत में फर्क ठीक से नहीं कर पाएगी।
वर्तमान में समाज की हालत हम देख रहे है, कुछ बुद्धिजीवी लोग बाबा साहब के प्रबुद्ध भारत का सपना साकार करने में प्रयासरत हैं, कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के कारण लोगों को बाटने का काम कर रहे है। ऐसे लोगो से सावधान रहने की आवश्यकता है, चालाक, चतुर और लालची लोग चंद स्वार्थ के खातिर समाज का नुकसान कर रहे हैं।
समय कम है, अपनी डफली अपना राग अलापने के बजाय सभी ने आपसी गीले शिकवे भूलकर समाज की खातिर एक दूसरे को साथ देना चाहिए।
✒️...J.D.
नमो बुद्धाय जयभीम
जय प्रबुद्ध भारत...!!!
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