*शाक्यों की नगरी साकेत*
पुष्यमित्र शुंग के समय ( ईसा पूर्व 185 ) अयोध्या का नाम साकेत था। साकेत शाक्यों की नगरी थी । महान भिक्षु तथा महाकवि अश्वघोष का जन्म पहली सदी में साकेत हुआ था।
महापंडित राहुल सांकृत्यायन ने साकेत को बौद्ध स्थली कहा है। व्हेनसांग सन् 629 में भारत आए थे। उन्होंने भारत में 100 संघाराम देखें थे। उनमें 3000 भिक्षु रहा करते थे। उन भिक्षुओं में हीनयान और महायान के अनुयाई थे। व्हेनसांग ने अपने यात्रा वृत्तांत में इस का उल्लेख किया है।
व्हेनसांग तथा अन्य बौद्ध दार्शनिकों ने अयोध्या का उल्लेख नहीं किया है। अयोध्या का मूल रूप अ+युद्ध= युद्ध नहीं होता है।
प्रो डॉ तुलसीराम
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय
पत्रिका आंबेडकर इन इंडिया / 14
जुलाई 2003
जयभीम 🙏🙏जयफूले
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