*रविवार अवकाश नारायण मेघा जी लोखंडे के संघर्षों के कारण प्रारंभ*। 8फरवरी 1848 को पुणे में नारायण मेघाजी लोखंडे का जन्म हुआ। मुंबई में जाकर कपड़ा मिल में बाबू का काम किया।उस समय मजदूरों का शोषण देखकर उन्होंने 1.रविवार की छुट्टी 2.भोजन की छुट्टी 3.काम के घंटे निश्चित हो 4.काम के समय दुर्घटना होने पर सब वेतन छुट्टी 5.दुर्घटना में मृत्यु होने पर आश्रितों को पेंशन की मांग उठाई। 1883 में आंदोलन प्रारंभ किया परिणाम स्वरूप 10 जून 1890 को अंग्रेज सरकार ने उनकी मांगे मानकर का अंग्रेज सरकार ने निर्णय लिया। यह भारत के तमाम नौकरी पैशा लोगों के लिए जानना आवश्यक है,कि हमें रविवार का अवकाश क्यों मिला? कैसे मिला? और उसका उपयोग हम कैसे करें? महात्मा ज्योतिबा फुले ने नारायण मेघाजी लोखंडे को ट्रेड यूनियन नेता बनाकर मजदूरों के हक में मांगे मनवाने हेतु संघर्ष करने का मार्ग प्रशस्त किया। मुंबई के 5000 मजदूरों ने एक दिन हड़ताल कर सरकार को मांगे मनवाने के लिए मजबूर किया। परिणाम स्वरुप उक्त पांचो मांगे स्वीकार हुई। हम महात्मा फुले एवं नारायण मेघाजी लोखंडे जो प्रथम ट्रेडिंग नेता थे। उनके द्वारा दी गई इस सौगात को कभी भूला नहीं सकते। जिन उद्देश्यों के लिए उन्होंने संघर्ष किया था,उसके अनुसार अवकाश मनाएं। जय ज्योति,जय क्रांति। (रामनारायण चौहान) महासचिव,महात्मा फुले सामाजिक शिक्षण संस्थान दिल्ली।
टिप्पणियाँ