बोधगया महाबोधी बुद्धबिहार ब्राह्मणों से मुक्ति आंदोलन का असली हीरो नायक विद्वान बुद्धिजीवी प्रखर वक्ता संघर्षशील क्रांतिकारी बौद्ध भिक्षु विनाचार्य है।
अब यह साबित हो गया है कि भंते विनाचार्य को, भंते प्रज्ञाशील ,आकाश लामा एण्ड पार्टी ने ही सुनियोजित षडयंत्र रचकर भंते विनाचार्य को गुंडा बात कर जेल में डाला है। जबकि कई विद्वान बौद्ध भिक्षु, चंद्रशेखर रावण, सहित महाराष्ट्र के तमाम बौद्ध अनुयाई, पूरे देश का बौद्ध समाज भंते विनाचार्य को एक ओजस्वी क्रांतिकारी संघर्षशील अंबेडकरवादी बुद्धिस्ट बौद्ध भिक्षु मानता है। भंते प्रज्ञा शील द्वारा विनाचार्य को गुंडा बताना ही,, उन्हें जेल में डालने का षड्यंत्र उजागर होता है।
अधिकांश मनुवादी विचारधारा के समर्थक बौद्ध भिक्षु एवं तथाकथित बौद्ध उपासक है। यही कारण है कि, बोधगया महाबोधी बुद्ध विहार आंदोलन के तथा कथित प्रणेता आकाश लामा एवं प्रज्ञा शील भंते एंड कंपनी का पुरजोर विरोध करने के बजाय उसके समर्थन में जगह-जगह पर सभा सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं। और बोधगया महाबोधी बुद्धबिहार ब्राह्मणों के कब्जे से मुक्त किए जाने की आड़ में चंदे का धंधा कर रहे हैं।
बोधगया महाबोधी बुद्धबिहार ब्राह्मणों से मुक्ति आंदोलन का असली हीरो नायक विद्वान बुद्धिजीवी प्रखर वक्ता संघर्षशील क्रांतिकारी बौद्ध भिक्षु विनाचार्य है। बाकी तो मुक्ति आंदोलन के नाम पर चंदे का धंधा करने में व्यस्त है।
आकाश लामा ने मनुवादियों के इशारे पर बोधगया महाबोधी बुद्ध विहार मुक्ति आंदोलन 12 में को जो ऐतिहासिक होना था उसको स्थगित किया था। इसी दौरान आंदोलन के जुझारू और संघर्षशील अंबेडकरवादी बुद्धिस्ट बौद्ध भिक्षु विनाचार्य को जिसने शासन प्रशासन के नाक में दम करके रखा था। उस बौद्ध भिक्षु विनाचार्य को हटाने का जेल में डालने का षड्यंत्र रचा गया था। आकाश लामा बोधगया महाबोधी बुद्ध विहार को ब्राह्मणों के कब्जे से मुक्त किए जाने का आंदोलन नहीं बल्कि चंदे का धंधा चलाने का आंदोलन चल रहा है। और उसके साथ उसकी जो टीम है वह पूर्ण रूप से मनुवादी विचारधारा से वर्षों से ग्रस्त कर है।
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