अविद्या का रहस्य
एक बार राजा ने मंत्री से पूछा की मंत्री यह #अविद्या क्या है ?*
मंत्री ने बोला कि आप मुझे 4 दिन की छुट्टी दे दो फिर मैं आपको बताऊंगा !
राजा राजी हो गया और उसने चार दिनों की छुट्टी दे दी !
मंत्री #मोची के पास गया और बोला कि भाई जूती बना दो,मोची ने नाप पूछी तो मंत्री ने बोला भैया ये नाप वाप कुछ नहीं। डेढ़ फुट लंबी और एक बित्ता चौड़ी बना दो,और इसमें हीरे जवाहरात जड देना,,सोने और चांदी के तारों से सिलाई कर देना और हाँ पैसे की चिंता मत करना जितना मांगोगे उतना मिलेगा।
मोची ने भी कहा ठीक है भैया तीसरे दिन ले लेना !
तीसरे दिन जूती मिली तब पारितोषिक देने के पहले मंत्री ने उस मोची से एक ठोस #आश्वासन ले लिया कि वह किसी भी हालात में इस जूती का कभी भी जिक्र नहीं करेगा यानि हर हालात में अनजान बना रहेगा ।
*अब मंत्री ने एक जूती अपने पास रख ली और दूसरी #मंदिर में फेंक दी । जब सुबह #पुजारी जी पुजा करने (बाँग देने ) के लिए मन्दिर गए तो पुजारी को वो जूती वहाँ पर मिली।
पुजारी ने सोचा इतनी बड़ी और शानदार जूती किसी इंसान की तो हो ही नहीं सकती जरूर भगवान इस मन्दिर आया होंगे और उसकी छूट गई होगी।*
उसने वह जूती अपने सर पर रखी, मत्थे में लगाई और खूब जूती को चाटा ।
*क्यों ?*
*क्योंकि वह जूती भगवान की थी ना ।*
*वहां मौजूद सभी लोगों को दिखाया सब लोग बोलने लगे कि हां पंडित जी यह जूती तो भगवान की रह गई उन्होंने भी उसको सर पर रखा और खूब चाटा।*
*यह बात राजा तक गई।*
*राजा ने बोला, मुझे भी दिखाओ ।*
राजा ने देखा और बोला यह तो भगवान की ही जूती है।*
*उसने भी उसे खूब #चाटा, सर पर रखा और बोला इसे मन्दिर में ही अच्छी तरह अच्छे स्थान पर रख दो !*
*मंत्री की छुट्टी समाप्त हुई, वह आया बादशाह को सलाम ठोका और उतरा हुआ मुंह लेकर खड़ा हो गया।*
*अब राजा ने मंत्री से पूछा कि क्या हो गया मुँह क्यों 10 कोने का बना रखा है।
मंत्री ने कहा जहाँपनाह हमारे यहां चोरी हो गई,,
राजा ने पूछा- क्या चोरी हो गया ?
मंत्री ने उत्तर दिया - हमारे #परदादा की जूती थी चोर एक जूती उठा ले गया । एक बची है,
*राजा ने पूछा--क्या एक जूती तुम्हारे पास ही है ?
*मंत्री ने कहा - जी मेरे पास ही है ।उसने वह जूती राजा को दिखाई । राजा का माथा ठनका और उसने मन्दिर से दूसरी जूती मंगाई और बोला *औ तेरे की मैंने तो सोचा कि यह जूती भगवान की है मैंने तो इसे चाट चाट के चिकनी बना डाली*
मंत्री ने कहा यही *अविद्या* है
पता कुछ भी नहीं और भेड़ चाल में जूती को चाटे जा रहे हैं,, पहले तो जाने फिर मानें 🌹
🌹 जीवन को श्रेष्ठ जीने बनाने के लिए चले बुद्ध धम्म की ओर 🌹
🌹🙏 नमो बुद्धस्स 🌹🙏 जय भीम 🙏🙏
🌹🙏 सबका मंगल हो 🙏🌹
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