मोदी भाजपा सरकार सरकारी उपक्रमों का निजीकरण करके दुरुपयोग कर रही हैं, जिससे संविधान लोकतंत्र को खतरा पैदा हो रहा पर चिंतन!
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भारत के लोकतंत्र में आज तक सेना की भागीदारी तो रही, लेकिन मोदी शासन काल में सेना का भी खूब उपयोग हुआ। चाहे वह सरजीकल स्ट्राइक हो ,या अग्निपथ योजना के द्वारा अग्निवीर सैनिक भर्ती इस्तेमाल हुआ है।
मोदी सरकार के गलत फैसलों की बजह से देश आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। इसलिए कम खर्च करके चार साल के लिए सैनिकों की भर्ती करनी पड़ रही है। यह देश की सेवा के नाम पर नौजवान बेरोजगारों के भविष्य से भाजपा खिलवाड़ कर रही है,जिसे समझने की जरूरत है।
भारत अनेक प्रकार की मुसीबत में फसा हुआ है, भारत में भाजपा परिवाद की खिलाफत करतीं घूम रहीं हैं।बही भाजपा अधिनायकवाद को मजबूत करके देश में फासीवाद पूंजीवाद को मजबूत करने के लिए चार साल बाद निजी कंपनियों को ट्रेंड शत् प्रतिशत सुरक्षा गार्ड मिल जायेंगे।25%सेना में भर्ती होंगे,बही दस प्रतिशत पुलिस और पैरामिलिट्री में चलें जायेंगे।65%सुरक्षा गार्ड बनेंगे। यह लोगों को समझने की जरूरत है।जो लोग मोदी सरकार को हिंदू, हिंदुत्व के नाम पर इस्लाम विरोधी होकर बहुसंख्यक लोगों ने किसी और का नुक़सान नहीं किया, बल्कि खुद का नुक़सान किया।जो सामने दिख रहा है।
सेना हो या मीडिया हो सभी को भाजपा अपने खेल में शामिल कर चुकी हैं। सरकारी बिभागों में सबसे अधिक नौकरी सेना,डाक, रेलवे और बैंकिंग आदि में निजीकरण हो चुका है।इन बिभागों ही सबसे अधिक रोजगार बेरोजगारों को मिलता था। सेना में अस्थाई व्यवस्था की गई और अन्य बिभागों का निजीकरण कर दिया गया है। तो अब शिक्षित वेरोजगारों, बेरोजगारों,किसानों,मजदूरों का भविष्य दांव पर है,यह लोगों को अमृतकाल भारत को समझने की जरूरत है।
रुमसिहं राष्ट्रीय अध्यक्ष लेबर पार्टी आफ इंडिया
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