*— जिस तेली समाज ने कोल्हू बना कर तेल निकाला खाने में स्वाद दिया सुंदरता दी, जिस तेली समाज के तेल की पूजा के बिना कोई शुभ कार्य नही होता है, ऐसे समाजसेवी समाज के लोग श्रेष्ठ नही है ?*
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―जब जरूरत थी चमन को तो लहू *हमने दिया,अब बहार आई तो कहते* हैं तेरा काम नहीं ―
*―ऐ मेरे बहुजन समाज के पढ़े लिखे लोगों जब तुम पढ़ लिखकर कुछ बन जाओ तो कुछ समय ज्ञान,पैसा,हुनर उस समाज को देना जिस समाज से तुम आये हो —*
― तुम्हारें अधिकारों की लड़ाई लड़ने *के लिए मैं दुबारा नहीं आऊंगा,ये क्रांति का रथ संघर्षो का कारवां ,जो मैं* बड़े दुखों,कष्टों को सहकर यहाँ तक ले आया हूँ,अब आगे तुम्हे ही ले जाना है
*―साथियों एक बात याद रखना आज करोड़ों लोग जो बाबासाहेब जी,माँ रमाई के संघर्षों की बदौलत कमाई गई रोटी को मुफ्त में बड़े चाव और मजे से खा रहे हैं ऐसे लोगों को इस बात का अंदाजा भी नहीं है जो उन्हें ताकत,पैसा,इज्जत,मान-सम्मान मिला है वो उनकी बुद्धि और होशियारी का नहीं है बाबासाहेब जी के संघर्षों की बदौलत है –*
जय हो उन सभी गुमनाम बहुजन महानायकों की जिंन्होने अपने संघर्षो से बहुजन समाज को एक नई पहचान दी,स्वाभिमान से जीना सिखाया —
*―सभी अम्बेडकरवादी भाईयों, बहनो,को धम्म प्रभात,नमो बुद्धाय सप्रेम जयभीम —*
*अमित गौतम*
युवा सामाजिक
*कार्यकर्ता*
बहुजन समाज
*जंनपद-रमाबाई नगर कानपुर*
सम्पर्क सूत्र-9452963593
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