यूरोपियन यूनियन से आए बाक़ी सांसदों की तरह एक NGO के ख़र्चे पर भारत में सैर-सपाटे का निमंत्रण भेजा गया था।
क्रिस डेविस नॉर्थ इंग्लैंड से सांसद है। इनको भी 26 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक यूरोपियन यूनियन से आए बाक़ी सांसदों की तरह एक NGO के ख़र्चे पर भारत में सैर-सपाटे का निमंत्रण भेजा गया था।
निमंत्रण भेजने वाली एनजीआे ने इन्हें बताया कि फेस्टिवल ऑफ लाइट (दिवाली) के अतिरिक्त भारत में लगातार दूसरा चुनाव जितने वाले प्रधानमंत्री मोदी जी के कार्यालय में आपका स्वागत होगा एवं आपको कश्मीर की यात्रा पर भी ले जाया जाएगा। आपके भारत आने-जाने और ठहरने की सारी सुविधाएँ मुफ़्त है। आपको एक प्रेस कॉन्फ़्रेन्स करना होगा।(स्वाभाविक है क्या बोलना होगा)
क्रिस डेविस ने NGO की Head मादी शर्मा की E-mail सार्वजनिक कर सारी पोल खोल दी है। यह Madi Sharma ट्विटर पर अपने आपको International Business Broker अर्थात् अंतरराष्ट्रीय व्यापार का दलाल और व्यवसायी बताती है। (फ़ोटो में देखें)
आपकी जानकारी के लिए बता दूँ यूरोपियन यूनियन के MP जो अप्रत्यक्ष रूप से सरकारी ख़र्चे से देश में घूम रहे है वो सभी वहाँ के विपक्षी सांसद है और बीजेपी जैसी दक्षिणपंथी पार्टियों का प्रतिनिधित्व करते है।
क्रिस डेविस उनके साथ इसलिए नहीं आए क्योंकि उनकी एक आपत्ति तो पोलैंड के किसी सदस्य को लेकर थी जिसने हिटलर के "होलोकास्ट" का समर्थन किया था। दूसरा ये कश्मीर के स्थानीय पत्रकारों एवं निवासियों से अकेले बिना सुरक्षाकर्मियों के मिलना चाहते थे।
ऐसे जागरूक सांसद को उपयोगी न समझते हुए दस अक्टूबर को इनका निमंत्रण वापिस ले लिया गया।
अब ये वह E-Mail सार्वजनिक कर सारा फ़ंडाफोड़ कर रहे है। कश्मीर में बहुत कुछ गड़बड़ा गया है और सरकार अपनी Face Saving के लिए नित नए हथकंडे अपना रही है।
मोदी सरकार अपने देश के विपक्षी साँसदो, विपक्षी पार्टियों के अध्यक्षों और J&K के पूर्व मुख्यमंत्रियों को वहाँ जाने नहीं दे रही, जनता से मिलने नहीं दे रही लेकिन विदेशियों को घुमा रही है।
ठोंको ताली।
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