*📌क्यों महत्वपूर्ण है❓*
*"निम खली (पेंड) के बजाय निंबोली क्रश (चुरी) का उपयोग"*📌
*संकलन - पंकज काळे ( M.Sc. Agri), निसर्ग फाऊंडेशन, अमरावती*
*संपर्क क्र. - 9403426096, 7350580311*
सिंचाई क्षेत्र तथा असिंचीत सुखे क्षेत्र मे खेती कि उर्वरा ताकद बढाने हेतू अकार्बनिक खादो (गोबर खाद, पोल्ट्री तथा विभिन्न वेस्टेजेस, अलग अलग खल्लीयाँ तथा हरियाली खाद) का उपयोग किसानो में बढते जा रहा है. इन सभी अकार्बनिक खादो में निम खाद सबसे महत्वपूर्ण है. लेकिन यह 'निम खाद' में जब खली का उपयोग किया जाता है तब उसका असर फसलो पर कम दिखायी देता है | इसीकारण *'निम खाद' को असरदार बनने में 'निम गिरी' (गोडंबी) का रहेना जरूरी है.*
*फल*
नीम के फल में जैसे...
छिलका लगभग 23.8 %,
गूदा 47.5 %,
आवरण 18.6 % तथा
गिरी 10.1 % पायी जाती है|
फल का गुदा आदमी, जानवर तथा चिड़ियों द्वारा खाया जाता है| इसका प्रयोग पेट के कीड़े मारने या उन्हें पेट से बाहर निकालने के लिए जरूरी दवाइयों मे किया जाता है| इसके गूदे से तैयार किए गए पानी के घोल को फसलों पर छिड़काव करने से फसल को रसचुसक किट एवं इल्लियों के प्रभाव से बचाया जा सकता है|
*बीज*
नीम का बीज तोड़ने पर इसका आधे से अधिक भाग (लगभग 55 %) गुठली के रूप में अलग हो जाता है अतह शेष लगभग 45 % गिरी या मींगी (मराठी मे गोडंबी) के रूप में प्राप्त होता है|
बीज में तेल लगभग 30-32%, निम्बीन और निम्बीडीन 2% तथा निम्बोडोल 0.6% पाया जाता है| नीम का बीज मुख्यत: तेल निकालने के लिए उपयोग मे लिया जाता है|
*गिरी/मिंगी (गोडंबी)*
गिरी में 45–50% तेल पाया जाता है तथा इस तेल में विभिन्न वसीय अम्ल जैसे..
पामिटिक (14.9 %),
लिनोलिक (7.5 %),
ओलिक (61.9 %),
स्टीयरिक (14.4 %),
अरेचिडिक (1.3 %) तथा
अन्य वसीय अम्ल (1%) पाये जाते हैं|
*'नीम गिरी' में प्रमुख ग्लिसरैड्स जैसे..*
पूर्ण संतृप्त (0.6 %),
असंतृप्त (22.0 %),
स्टीआरोडियालीन (34 %),
पामिटदियालिन (26 %),
ओलियो-पामिटो – स्टीयरिन (12 %) तथा
ओलियोडिपामीटिन (5 %) पाये जाते हैं|
'नीम गिरी' में 'गंधक यौगिक' भी होता है| जिसके कारण यह खाने योग्य नहीं होता है| लेकिन भुमी कि उर्वरा शक्ती बढाने के लिए और फुफूंदी (फंगस) के रोकथाम या विनाश के लिए महत्वपूर्ण है|
'नीम गिरी 'में कडुवा सत 2 % होता है| जिसमें निम्बीडीन (1.2-1.6 %), निम्बिन (0.1 %) और निम्बी निन (0.01 %) आदि महत्वपूर्ण रसायन होते हैं|
इसिलीये 'नीम गिरी' का प्रमुख उपयोग तेल के साथ चर्मरोगों के औषधि का निर्माण, फसलों की रक्षा, यूरिया संरक्षण, परिवार नियोजन, दीपक जलाने, साबुन व सौन्दर्य प्रसाधनों के निर्माण, आदि में किया जाता है|
👉🏻करिता *भेसळ युक्त बाजारू तेल काढुन घेतलेली 'निम पेंड' न टाकता सरळ निंबोळी (क्रश) चुरीचाच वापर करणे महत्त्वाचे आहे.*
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*निसर्ग फाऊंडेशन, अमरावती द्वारा आता शेतकरी बांधवांना त्यांच्याच समक्ष तेल न काढता १००% सरळ निंबोळी पासुनची 'निम चुरी' (क्रश) स्वस्त व सहुलतीच्या दरात देन्यात येईल. करिता या योजनेचा लाभ घ्यावा हि विनंती..धन्यवाद* 🙏
🙏 *निसर्ग फाऊंडेशन चा उद्देश-*🙏
*कृषी खर्च निवारण,*
*कृषकांचे सक्षमीकरन,* व
*निसर्गाचे संवर्धन.*
करिता कृपया या कार्यास व्यवसाय समजू नका.
कारण *निसर्ग फाऊंडेशन (NGO)* हि वित्तीय उत्पन्न क्षेत्रातील उदासीन (Non Profitable Organization) संस्था आहे. धन्यवाद..🙏
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