*ब्राहमण और हममे में क्या अंतर ?*
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वो धन के लिए लड़ता है ,
हम धर्म के लिए लडते हैं ।
वो संसद की तरफ दौडता है ,
हम तीर्थ स्थल की तरफ दौडते हैं ।
वो अपने बच्चो को कॉलेज भेजता है ,
हम मंदिर व कांवड़ लेने भेजते हैं ।
वो कथा भागवत करता है ,
हम कथा भागवत कराते हैं ।
वो हम से दान दक्षिणा लेता है ,
हम उसको दान दक्षिणा देते हैं ।
वो हमको झूठा आशीर्वाद देता है ,
हम उसके पैरों में पड़़ जाते हैं ।
वो हमको गुलाम बनाता है ,
हम उसके गुलाम बन जाते हैं ।
वो हमें मुसलमानों के प्रति भडकाता है ,
हम सब भडक जाते हैं ।
वो हमको बर्बाद करना चाहता है ,
हम उसको आबाद करना चाहते हैं ।
वो हमसे हमेशा ईर्ष्या रखता है ,
हम उससे हमेशा अनुराग रखते हैं ।
वो अपने घर में कभी सत्यनारायण की पूजा नहीं करता है ,
हम से हमेशा करवाता है ।
वो हमेशा सब की कुंडली बनाता है ,
पर अपनी कुंडली किसी से नहीं बनवाता ।
उसकी नजर पैसों पर रहती है ,
हमारी नजर कर्मकांडों पर रहती है।
उसका अधिकार सभी मठ मंदिरों पर है,
हमारा अधिकार किसी मठ मंदिर पर नहीं ।
वो हर समय धन दौलत में खेलता है ,
हम अपनी रोटी के लिए दिन रात एक करते हैं ।
वो बगैर पसीने की कमाई करता है ,
हम पसीना बहा कर एक हिस्सा उसको दे आते हैं ।
उसका 10 साल का बच्चा अपना इतिहास जानता है
हमारा 60 साल का बुड्ढा भी अपना इतिहास नहीं जानता है।
वो हमसे अपने पूर्वजों की पूजा करवाता है ,
हमारे महापुरुषों को हमसे ही गाली दिलवाता है ।
वो कभी मंदिर में दान नहीं करता ,
हमसे दान करवाकर हमारी तिजोरी साफ कर देता है ।
वो मंदिरो के चढावे से तिजौरियां भरता है ,
हम अपनी कमाई मंदिरो में चढा कर गरीब बन जाते हैं ।
वो अपनी चतुर बुद्धि से भारत पर राज कर रहा है ,
हम अपनी मंद बुद्धि के कारण उसकी गुलामी करते हैं ।
जीवन में दुख भी वही बताता है उपाय भी वही बताता है ,
हम उसके नचाये नाचते हैं ।
भारत में उसकी संख्या 3% है लेकिन 68% जगहों पर विराजमान है ।
हमारी संख्या 85% है लेकिन हम 20% जगहों पर भी नहीं ।
वह अपने महापुरुषों का सम्मान करता एवं हमसे करवाता है ,
हमसे ही हमारे ही महापुरुषों का अपमान करवाता है ।
अगर ब्राह्मण वाद से निकलना है तो इस पर से विश्वास खत्म करो, तभी निकल सकते हो ।
*जय विज्ञान जय संविधान*
*जय शिक्षा जय जागरूकता*
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