सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

मानवता के तीन दुश्मन 👉 1. जाति  2. धर्म  3. भगवान

 


 


 



मानवता के तीन दुश्मन 👉
1. जाति  2. धर्म  3. भगवान
अपने निजी स्वार्थ के लिये धर्म के ठेकेदारों ने तीन शब्दों का अविष्कार किया है । इन तीनों शब्दों के षड़यंत्र का उपयोग करके सारी दुनिया को मुर्ख बनाकर तबाह किया जा रहा हैं । लगभग 90% लोग इन तीनों शब्दों से मानसिक गुलाम बन चुके हैं , इस मानसिक गुलामी के कारण लोग जाति , धर्म और भगवान के लिये लड़ रहे हैं , जबकि वास्तविक लड़ाई अधिकारों के लिये लड़ी जानी चाहिये ।
आदमी कितना मुर्ख हैं खुद ही मिट्टी से मूर्ति बनाता हैं , खुद ही पूजा करता हैं और खुद ही उस मूर्ति से डरता हैं हद हो गयी । ये अजब किस्म की बीमारी हैं इस बीमारी को ब्राह्मणवाद कहते हैं ।
इस बीमारी का एक ही इलाज हैं तर्क , शोध और विज्ञान । ब्राह्मणवाद आज भी इसलिए जीवित है क्योंकि ब्राह्मणवाद का ढोल हमारे ही लोग पीटने में व्यस्त हैं । मै यह जानता हूँ मेरे अकेले के प्रयास से समाज में बदलाव नही आ सकता लेकिन मैं हमेशा ब्राह्मणवाद को मिटाने की कोशिश इसलिए करता हूँ क्योंकि बड़ी क्रांति करने के लिये एक छोटी सी चिंगारी ही काफी होती हैं । हमारे जितने भी महापुरुष हुए हैं जैसे - तथागत बुद्ध , सन्त रविदास , सन्त कबीर , सन्त तुकाराम, पेरियार स्वामी , गुरु घासीदास , नारायणा गुरु , सन्त गाडगे , शम्बूक ऋषि , छत्रपति शिवाजी , छत्रपति शाहूजी महाराज , ज्योतिबा फुले , सावित्रीबाई फुले , डॉo भीमराव आम्बेडकर , शहीद उधम सिंह , शहीद भगत सिंह , कांशीराम साहब , राजा राम मोहनराय , सुखरात , मार्टिंग लूथर , अब्राहम लिंकन , स्टीफन हॉकिंग्स , डार्विन , काल मार्क्स , नेल्सन मंडेला ,  कोपरनिकस , गेलिलियो गेलिलेयी , विलियम बेंटिक , अन्य महापुरुषों ने ब्राह्मणवाद को मिटाने के लिये अपना सम्पूर्ण जीवन संघर्षो में बिताया हैं । उन्होंने समय - समय अन्धविश्वास , जातिवाद ,  भेदभाव , गरीबी , नशीले पदार्थ , गुलामी और शोषण को खत्म करने के लिये जीवन भर संघर्ष किया हैं ।
साथियों में आप सभी को यह बताना चाहता हूँ एक विद्वान और तर्कशील व्यक्ति बनने के लिये सेकड़ो किताबो का सहयोग होता हैं और उन किताबो को पढ़ने और समझने में कई सालों का समय लगता हैं , इसके बाद ही एक तर्कशील व्यक्ति का जन्म होता हैं ।
जब जब वह तर्कशील व्यक्ति धर्म , अन्धविश्वास , जातिवाद ,  भेदभाव , गरीबी , नशीले पदार्थ , गुलामी और शोषण के खिलाफ आवाज उठाता हैं , तब तब धर्म के ठेकेदारों ने उनकी हत्या कर दी । और ये भी एक सत्य हैं जब भी  किसी तर्कशील व्यक्ति की हत्या होती हैं , तब वह व्यक्ति तो मर जाता हैं  लेकिन उसकी विचारधारा हजारों वर्षों तक जिन्दा रहती हैं ।  
और एक सत्य यह भी हैं जब जब किसी ने सत्य को दबाने की कोशिश की तब वह दोगुनी तेजी से सामने आया है ।
साथियों मेरे लिये प्रकृति ही ईश्वर हैं , विज्ञान ही सत्य हैं , इंसानियत ही धर्म हैं और कर्म ही पूजा हैं ।


 


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ये राजस्थान भाजपा सरकार की डिप्टी सीएम प्रिंसेस दिया कुमारी हैं

  ये राजस्थान भाजपा सरकार की डिप्टी सीएम प्रिंसेस दिया कुमारी हैं ‌ इनके परदादा के परदादा थे मान सिंह,  मान सिंह की बहन थी जोधा बाई,  जोधा बाई के पोते का नाम था औरंगजेब। औरंगजेब के रीश्तेदारों को भाजपा डिप्टी CM बनाती हैं, और उधर अंधभक्त औरंगजेब को गालियां देते हैं! भाजपा गड़े मुर्दे उखाड़ती है तो यहाँ गड़ा इतिहास उखाड़ लाया गया है।

वो कौन VIP था जिसके साथ सोने से इनकार करने पर अंकिता को इतनी बड़ी सज़ा मिली?

  वो कौन VIP था जिसके साथ सोने से इनकार करने पर अंकिता को इतनी बड़ी सज़ा मिली?  क्या देश उस ‘VIP’ को पहले से जानता है?  उस VIP का नाम कभी बाहर क्यों नहीं आया? अंकिता भंडारी की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उसने रिजॉर्ट में रुके किसी ‘VIP’ गेस्ट के साथ सोने से इनकार कर दिया था. महिला सशक्तिकरण?? 🤔🤨🤨😏

उत्तर प्रदेश सिविल जज परीक्षा (पी०सी०एस० जे)

  उत्तर प्रदेश सिविल जज परीक्षा (पी०सी०एस० जे) का परिणाम रैंक सहित सूची पर जरा गौर करें... 1.आकांक्षा तिवारी      रैंक 1  2.प्रतीक त्रिपाठी         रैंक 3 3.मीता पांडेय             रैंक 7 4.अनीमा मिश्रा           रैंक 13 5.सौरभ शुक्ला           रैंक 16 6.प्रशांत शुक्ला           रैंक 17  7.सौरभ पांडे              रैंक 20  8.ज्योत्सना राय          रैंक 21 9.रीचा शुक्ला             रैंक 24 10.रूचि कौशिक        रैंक 27 11.सौम्य भारद्वाज      रैंक 30  12.सौम्य मिश्रा          रैंक 34 13.वरूण कौशिक      रैंक 37  14.देवप्रिय सारस्वत    रैंक 38 15.सोनाली मिश्रा        रैंक 40  16.शिप्रा दुबे  ...