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तथागत गौतम बुद्ध के कुछ अनमोल विचार

 


 


 


*तथागत गौतम बुद्ध के कुछ अनमोल विचार*
शेयर के लिए बधाई।। बुद्धप्रिय नवनीत।।


👉 इस ब्रह्मांड को चलानेवाला कोई नहीं है और न ही कोई बनाने वाला या खत्म करने वाला है।


👉 न तो ईश्वर है और न ही आत्मा।


👉 जिसे लोग आत्मा समझते हैं, वह चेतना का प्रवाह है, 
यह प्रवाह कभी भी रुक सकता है।


👉 भगवान और भाग्यवाद कोरी कल्पना है, जो हमें जिंदगी की सचाई और असलियत से अलग कर दूसरे पर निर्भर बनाती है।


👉 पांचों इंद्रियों की मदद से जो  जानकारी, अनुभूति मिलता है,  उसी को बुद्धि मान लिया जाता है। असल में बुद्धि ही जानती है कि क्या है और क्या नहीं। बुद्धि से ही यह समस्त संसार प्रकाशवान है।


👉 न यज्ञ से कुछ होता है और न ही धार्मिक किताबों को पढ़ने मात्र से.. धर्म की किताबों को,
गलती से मुक्त मानना ना समझी है !
 
👉 पूजा-पाठ से पाप नहीं धुलते.. 


👉 जैसा मैं हूं, वैसे ही दूसरा प्राणी है जैसे दूसरा प्राणी है, वैसा ही मैं हूँ, इसलिए न किसी को मारो, न मारने की इजाजत दो..! 


👉 किसी बात को इसलिए मत मानिये कि दूसरों ने ऐसा कहा है या यह रीति-रिवाज है या बुजुर्ग ऐसा कहते हैं या ऐसा किसी धर्म प्रचारक का उपदेश है। मानो उसी बात को, जो कसौटी पर खरी उतरे !!! 


👉 कोई परंपरा या रीति-रिवाज अगर मानव कल्याण के खिलाफ है, तो उसे मत  मानिये।


👉 खुद को जाने बगैर आत्मवान नहीं हुआ जा सकता., 
निर्वाण की हालत में ही खुद को जाना जा सकता है।


👉 इस ब्रह्मांड में सब कुछ क्षणिक और नश्वर है, कुछ भी स्थायी नहीं  है। सब कुछ लगातार बदलता रहता है और नष्ट होता रहता है।। 


👉 एक धूर्त और खराब दोस्त जंगली जानवर से भी बदतर है, 
क्योंकि जानवर आपके शरीर को जख्मी करेगा, जबकि खराब दोस्त दिमाग को जख्मी करेगा..


👉 आप चाहे कितने ही पवित्र और अच्छे शब्द पढ़ लें या बोल लें, लेकिन अगर उन पर अमल न करें, तो कोई फायदा नहीं! 


👉 सेहत सबसे बड़ा तोहफा है, 
संतुष्टि सबसे बड़ी दौलत और वफादारी सबसे अच्छा रिश्ता है।


👉 हजारों लड़ाईयां जीतने से बेहतर खुद के मन पर जीत हासिल करना है, ताकि आप नियंत्रित रह सकें। 


👉 इंसान को गलत रास्ते पर ले जानेवाला उसका अपना सोंच (दिमाग) होता है,
न कि उसके दुश्मन.. 


👉 गुस्से के लिए आपको सजा नहीं दी जाएगी, बल्कि खुद गुस्सा, आपको सजा देगा...!!!
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Nmo Buddhay


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