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आओ आपको क़ुरबानी की एक ऐसी मिसाल से अवगत करवाते हैं जो दुनियां में शायद ही कहीं मिले____
#_21_दिसंबर
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने परिवार सहित श्री आनंद पुर साहिब का किला छोड़ा।
#_22_दिसंबर
गुरु साहिब अपने दोनों बड़े पुत्रों सहित चमकौर के मैदान में पहुंचे और गुरु साहिब की माता और छोटे दोनों साहिबजादों को गंगू नामक ब्राह्मण जो कभी गुरु घर का रसोइया था उन्हें अपने साथ अपने घर ले आया।
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चमकौर की जंग शुरू और दुश्मनों से जूझते हुए गुरु साहिब के बड़े साहिबजादे श्री अजीत सिंह उम्र महज 17 वर्ष और छोटे साहिबजादे श्री जुझार सिंह उम्र महज 14 वर्ष अपने 11 अन्य साथियों सहित मजहब और मुल्क की रक्षा के लिए वीरगति को प्राप्त हुए।
#_23_दिसंबर
गुरु साहिब की माता श्री गुजर कौर जी और दोनों छोटे साहिबजादे गंगू ब्राह्मण के द्वारा गहने एवं अन्य सामान चोरी करने के उपरांत तीनों को मुखबरी कर मोरिंडा के चौधरी गनी खान और मनी खान के हाथों ग्रिफ्तार करवा दिया गया और गुरु साहिब को अन्य साथियों की बात मानते हुए चमकौर छोड़ना पड़ा।
#_24_दिसंबर
तीनों को सरहिंद पहुंचाया गया और वहां ठंडे बुर्ज में नजरबंद किया गया।
#_25_और_26_दिसंबर
छोटे साहिबजादों को नवाब वजीर खान की अदालत में पेश किया गया और उन्हें धर्म परिवर्तन करने के लिए लालच दिया गया।
#_27_दिसंबर
साहिबजादा जोरावर सिंह उम्र महज 8 वर्ष और साहिबजादा फतेह सिंह उम्र महज 6 वर्ष को तमाम जुल्म ओ जब्र उपरांत जिंदा दीवार में चीनने उपरांत जिबह (गला रेत) कर शहीद किया गया और खबर सुनते ही माता गुजर कौर ने अपने साँस त्याग दिए।
#अब निर्णय आप करो कि
#25_दिसंबर (क्रिसमस) को तवज्जो मिलनी चाहिए
या
क़ुरबानी की अनोखी और शायद दुनिया की इकलौती
मिसाल को?
#इस_शहीदी_सप्ताह_से_सभी_को_अवगत_करवाने_हेतु_अधिकाधिक_शेयर_करें_ताकि_सभी_को_
#सिख_धर्म_की_बुनियाद_का_पता_चल_सके।
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