उनके घोषणा पत्र में,
स्पष्ट लिखा है
सुगंध फैलाते फूलों की
हम सीमा तय करेंगे।
प्रेम का गीत गाती कोयल
देश से बाहर होगी
रंग रंगीन तितलियाँ को
एक ही रंग अपनाना होगा
गिलहरी एक शाखा से दूसरी शाखा ऊपर
स्वेच्छा से नहीं जाएगा
कबूतर गूटरगूं गूटरगूं की जगह
हमारी भाषा बोलेंगे
महत्वपूर्ण बात यह है --
ये सब आदेश
इंसानों पर भी
उसी प्रकार लागू होगा।
उन्होंने घोषणा की है
जंगल के सभी पेड़ों की
ऊँचाई समान होगी।
सभी नदियाँ
पहाड़ों की ओर बहेंगी।
सभी पहाड़
समुद्र जितने गहरा होंगे
समुद्र
रेगिस्तान जैसा सूखा
रेगिस्तान
रखड़ा ही उगा सकता है
मुख्य बात --
ये सब आदेश
खेतों पर भी
हू-बा-हू लागू होंगे
घोषणा बहुत स्पष्ट है
ग़ुलामी शब्द
स्वतंत्रता के लिए उपयोग किया जागा
घर को छुपनगाह
तसलीम किया जाएगा
जेल सबसे सुरक्षित
आवास माना जाए
आकाश को
देव भूमि मानी जाए
पाताल में सितारे चमकते
मान लिए जाए
पर खास बात --
इन आदेशों का पालन
देशभक्त होने की
कसवटी होगी।
उन्होंने दावा किया
हम नया और विशेष करेंगे।
गाँव की हर गली मोहल्ले को
नये नाम देंगे
इतिहास के लिए
नए नाइक बनाएंगे
नए मसीहा को सजाया जाएगा
चौकों में बुत बनाकर
किताबों से
विद्रोही बू मारते शब्द निकालेंगे
कल्पित कथाओं से
वैज्ञानिक खोजों का प्रसार
और अंतिम एक बात -
अपने भगवान होने के बारे में
संविधान में दर्ज करेंगे|
वे कहते हैं
हमारी घोषणाओं को
लोकतंत्र की जय कहा जाए
by Unknown
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