ब्राह्मणवाद में और हमारे समाज में क्या फर्क है वो बताने जा रहा हूँ,
दोनों में क्या अंतर है ???
1 वो धन के लिए लडता है,
हम धर्म के लिए लडते हैं,
2 वो संसद की तरफ दौडता है,
हम तीर्थ स्थल की तरफ दौडते हैं,
3 वो अपने बच्चो को कॉलेज भेजता है,
हम मंदिर व कॉवड लेने भेजते हैं,
4 वो कथा भागवत पाखण्ड करता है,
हम कथा भागवत पाखण्ड कराते हैं,
5 वो हम से दान दकछिणा लेता है,
हम उसको दान दकछिणा देते हैं,
6 वो हमको झूठा आशीर्वाद देता है,
हम उसके पैरों में पड जाते हैं,
7 वो हमको गुलाम बनाता है,
हम उसके गुलाम बन जाते हैं,
8 वो हमें मुसलमानों के प्रति भडकाता है,
हम सब भडक जाते हैं,
9 वो हमको बर्बाद करना चाहता है,
हम उसको आबाद करना चाहते हैं,
10 वो हमसे हमेशा ईर्षा रखता है,
हम उससे हमेशा राग रखते हैं,
11 वो अपने घर में कभी सत्य नारायण की पूजा नहीं करता है,
हम से हमेशा करवाता है,
12 वो हमेशा सब की कुंडली बनाता है,
पर अपनी कुंडली किसी से नहीं बनवाता,
13 उसकी नजर पैसों पर रहती है,
हमारी नजर करमकांडों पर रहती है,
14 उसका अधिकार सभी मठ मंदिरों पर है,
हमारा अधिकार में प्राइवेट नोकरी , किसानी, मजदुरी, मोरी
साफ करने में है,
15 वो हर समय धन दौलत में खेलता है,
हम दो जून की रोटी को तरसते हैं,
16 वो बगैर पसीने की कमाई खाता है,
हम पसीना बहा कर खाते हैं,
17 उसका 10,साल का बच्चा अपना इतिहास जानता है,
हमारा 60,साल का बुड्ढा भी नहीं जानता है,
18 वो हमसे अपने पूरवजों की पूजा करवाता है,
हमारे किसी भी महापुरुष की पूजा नहीं करता,
19 वो कभी मंदिर में दान नहीं करता,
हमसे दान करवा लेता है,
20 वो मंदिरो के चढावे से तिजौरियां भरता है,
हम अपनी कमाई मंदिरो में चढा कर गरीब बन जाते हैं,
21 वो अपनी चतुर बुद्धि से भारत पर राज कर रहा है,
हम अपनी मंद बुद्धि के कारण उसकी हुकूमत मानते हैं,
22 जीवन में दुख भी वही बताता है उपाय भी वही बताता है,
हम उसके नचाये नाचते हैं,
अगर ब्राह्मणवाद से निकलना है तो इस पर से विश्वास खत्म करो, तभी निकल सकते हो l
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