शूद्रो ( ST + SC + OBC + MINORITIES )
*🔥शूद्रो जागो, अपनी ताकत पहचानो🔥*
*धर्म के ठेकेदारों तुम ही बताओ मुल्लो से नफरत करू भी तो किस वजह से?*
छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में 30% से ज़्यादा मुल्ले थे।
शिवाजी के 13 बॉडीगार्ड मुल्ले थे।
शिवाजी के तोपखाने का प्रमुख इब्राहिम खान नाम का मुल्ला था।
शिवाजी का एक ही वकील था जिसका नाम क़ाज़ी था, वो भी मुल्ला था।
शिवाजी के गुरु का नाम सूफी याकूब बाबा था।
शिवाजी के थल सेना प्रमुख का नाम नूर खान था।
अफ़ज़ल खान को मारने के लिए शिवाजी को वो हथियार बना कर देने वाला सिद्धि हिलाल मुल्ला ही था।
अफ़ज़ल खान के आने की खबर देने वाला रुस्तम ए ज़मान मुल्ला था।
इतिहास में कही भी नही है कि शिवाजी के सेना के किसी मुल्ला ने शिवाजी को धोखा दिया हो।
शिवाजी ने रायगढ़ में अपने किले के सामने मुस्लिमों के लिए मस्जिद बनाई, जो आज भी मौजूद है।
शिवाजी पर हमला करने वाला कृष्णा भास्कर कुलकर्णी ब्राम्हण था।
ब्राम्हणो ने शिवाजी के राज्य अभिषेक को नकारा था।
शिवाजी के बेटे संभाजी की हत्या कर के उनके शरीर के टुकड़े करने वाले ब्राम्हण ही थे।
*शास्त्रो के हिसाब से शुद्र का शिक्षा प्राप्त करना अधर्म था। अगर कोई शुद्र शिक्षा प्राप्त करले तो उसे मृत्यु दंड दिया जाता था, ज्योतिबा फुले ने शूद्रों की शिक्षा की ज़िम्मेदारी उठाई और स्कूल शुरू करने के लिए आगे बढ़े, ब्राम्हणो ने खूब विरोध किया पर एक मुल्ला जिसका नाम उस्मान शेख था उसने स्कूल के लिए जगह दी।*
सावित्री बाई फुले , जब स्त्री शिक्षा की ज़िम्मेदारी लेकर निकली, उस वक़्त भी ब्राम्हणो ने खूब विरोध किया, यहा तक कि सावित्री बाई फुले पर पत्थर और गोबर बरसाए गए। ब्राम्हणों के विरोध के बावजूद भी, उस मुसीबत मे, उनके साथ कदम से कदम मिला कर चलने वाली फ़ातेमा शेख भी मुल्ला ही थी।
*ब्राम्हणों के विरोध के बावजूद डॉ भीमराव अंबेडकर जी को संविधान सभा मे पहुचाने वाले मुल्ले ही थे।*
धर्म के ठेकेदारों अब तुमही बताओ मेरे पूर्वजो के साथ कदम से कदम मिला कर चलने वाले इन मुल्लो से मैं कैसे नफरत करू? एक बार फिर सोचकर बताओ।
*धर्म के पाखंडी ठेकेदारो, शूद्रो के जन्मजात दुश्मन, संविधान विरोधी, देशद्रोही, छलकपट और झूठ का दिन-रात मीडिया से प्रचार कराने वाले मक्कार, वीर जवान शहीदो की लाश पर राजनीतिक रोटी सेंकने वाले गद्दारो, अब तुम्हारी असली पहचान पूरे देश के सामने उजागर हो गई है। अब तो तुम्हारे सच मे भी झूठ की बदबू आने लगी है।*
शूद्रो जागो, शूद्रो मे भी मनुवादी गद्दारो की पहचान करो। आत्ममंथन करो, निडर बनो, संगठित करो, अपनी ताकत का एहसास करो, इनके हर बातो पर तर्क करो, यदि अंधविश्वासी पाखंडी कुतर्क करता है तो, डर किस बात की, अरे ! 85 हो यार! एक हाथ से कान पकडो और दूसरे हाथ मे चप्पल, फिर पूरा सच आप के सामने होगा।
*साथियो, लोकतंत्र व संविधान बचाने का इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प नजर नही आ रहा है।*
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