सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

सवर्ण_हिन्दू vs #पिछडा_हिन्दू

 


 


#सवर्ण_हिन्दू vs #पिछडा_हिन्दू               


कोरोना ने बता दिया, इस देश का सबकुछ उच्च मध्यवर्ग और मध्यवर्ग के लिए है, मेहनतकशों के हिस्से उपेक्षा, अपमान और अभाव है- संदर्भ कोटा - राजस्थान से मध्यवर्ग के बेटे-बेटियों को लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 300 बसों का इंतजाम किया।


जहां एक ओर प्रवासी मजदूरों को लॉकडाउन के नाम पर यातना गृहों  जैसी जगहों में रहने या किसी पुल नीचे जानवरों की तरह दिन-रात काटने के लिए विवश किया जा रहा है, वहीं उच्च मध्यवर्ग और मध्यवर्ग लोगों को उनके सुकूनदायी स्थानों पर पहुंचाने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।


इसकी शुरूआत विदेशों से  अमीरोंजादों और उनके बेटे-बेटियों को लॉक डाउन ले पहले लाने से शुरू हुई थी। सैकड़ों की संख्या निजी हवाई जहाजों से बड़े लोग और उनके बेटे-बेटी आए।


फिर लॉक डाउन के बीच हरिद्वार-ऋषिकेश से विशेष बसों में गुजरात के पर्यटकों को उनके घरों पर पहुंचाया गया। कुछ पर्यटकों को तमिलनाडु से उनके घरों में पहुंचाया गया। अन्य जगहों से भी।


पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा और उनके बेटे पूर्व मुख्यमंत्री  एच. डी. कुमार स्वामी के बेटे की शादी में धूम-धाम से संपन्न हुई, आज संपन्न हुई। 


और अब प्रभावशाली मध्यवर्ग के बेटे-बेटियों को उनके घरों पर पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार 300 बसें कोटा भेज रही है। आखिर कोटा में बड़े लोगों के बेटे-बेटियों का मामला जो है।


दूसरी तरफ खुद से अपने घर पहुंचने की कोशिश कर रहे, प्रवासी मजदूरों  और उनके बाल-बच्चों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया और किया जा रहा है। उनको पीटना, उठक-बैठक कराना मुर्गा बनाना, गाली देना आम बात हो गई है। किसी किसी को इस कदर पीटा गया निशान देखकर कलेजा कांप जाए।


असल में यह देश सिर्फ श्रम बेचने के लिए मेहनतकशों का है और अगर उनके पास बेचने के लिए श्रम न हो और उसे खरीदने की सख्त आवश्कता पूंजीपतियों, उच्च मध्यवर्ग और मध्यवर्ग को न हो, तो ये लोग मजदूरों को शहरों में घुसने ही न दें, जैसे अपने अपार्टमेंटों में या कॉलोनियों में घुसने नहीं देते। सिर्फ उनको और उतने देर के लिए ही घुसने देते हैं, जितने देर काम लेना है या सेवा लेनी है।


सच यह है कि बहुलांश उच्च मध्यवर्ग और मध्यवर्ग के लिए मजदूर-मजदूरनी सिर्फ केले के छिलके से ज्यादा महत्व नहीं रखते। वे उनका गूदा खाना चाहते हैं और छिलके को जल्द से जल्द ठिकाने लगा देना चाहते हैं। पूंजीपति तो उन्हें निचोड़ने के लिए तैयार ही बैठे रहते हैं।


पता नहीं, कभी मेहनतकशों को इस उपेक्षा, अभाव और अपमान से छुट्टी मिलेगी या नहीं ?


—सिद्धार्थ रामु


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ये राजस्थान भाजपा सरकार की डिप्टी सीएम प्रिंसेस दिया कुमारी हैं

  ये राजस्थान भाजपा सरकार की डिप्टी सीएम प्रिंसेस दिया कुमारी हैं ‌ इनके परदादा के परदादा थे मान सिंह,  मान सिंह की बहन थी जोधा बाई,  जोधा बाई के पोते का नाम था औरंगजेब। औरंगजेब के रीश्तेदारों को भाजपा डिप्टी CM बनाती हैं, और उधर अंधभक्त औरंगजेब को गालियां देते हैं! भाजपा गड़े मुर्दे उखाड़ती है तो यहाँ गड़ा इतिहास उखाड़ लाया गया है।

वो कौन VIP था जिसके साथ सोने से इनकार करने पर अंकिता को इतनी बड़ी सज़ा मिली?

  वो कौन VIP था जिसके साथ सोने से इनकार करने पर अंकिता को इतनी बड़ी सज़ा मिली?  क्या देश उस ‘VIP’ को पहले से जानता है?  उस VIP का नाम कभी बाहर क्यों नहीं आया? अंकिता भंडारी की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उसने रिजॉर्ट में रुके किसी ‘VIP’ गेस्ट के साथ सोने से इनकार कर दिया था. महिला सशक्तिकरण?? 🤔🤨🤨😏

उत्तर प्रदेश सिविल जज परीक्षा (पी०सी०एस० जे)

  उत्तर प्रदेश सिविल जज परीक्षा (पी०सी०एस० जे) का परिणाम रैंक सहित सूची पर जरा गौर करें... 1.आकांक्षा तिवारी      रैंक 1  2.प्रतीक त्रिपाठी         रैंक 3 3.मीता पांडेय             रैंक 7 4.अनीमा मिश्रा           रैंक 13 5.सौरभ शुक्ला           रैंक 16 6.प्रशांत शुक्ला           रैंक 17  7.सौरभ पांडे              रैंक 20  8.ज्योत्सना राय          रैंक 21 9.रीचा शुक्ला             रैंक 24 10.रूचि कौशिक        रैंक 27 11.सौम्य भारद्वाज      रैंक 30  12.सौम्य मिश्रा          रैंक 34 13.वरूण कौशिक      रैंक 37  14.देवप्रिय सारस्वत    रैंक 38 15.सोनाली मिश्रा        रैंक 40  16.शिप्रा दुबे  ...