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हिन्दू कौन है?

हिन्दू कौन है? और इस शब्द की उत्पत्ति किसने की और कब की हिन्दू धर्म कोई धर्म नहीं है परंतु यह एक जीवन जीने की शैली है। ऐसा कहना मेरा नहीं है ये इस देश के सर्वोच्च न्यायलय का,भारत के PM मोदी व RSS प्रमुख मोहन भागवत का कहना है क्योंकि हिन्दू शब्द का वर्णन या प्रयोग न तो चारों वेदों ( ऋग्वेद , सामवेद , यजुर्वेद , अथर्ववेद ) ,श्रीमद् भागवत और 18 पुराणों में है और न ही कहीं 120 स्मृतियों में ही कहीं मिलता है इस देश में सबसे पहले कबीलाई धर्म हुआ करता था जिनको मिटाकर विदेशी ब्राह्मणों ने अपना धर्म स्थापित किया जिसको आरम्भ मे इसे ब्राह्मण धर्म कहा जाता था परंतु बाद में अन्य लोगों में जागरूकता आने पर लोगों को गुमराह करने के लिए पैंतरा बदलकर विदेशी ब्राहम्णो ने इसको सनातन धर्म कहना शुरू कर दिया। हिन्दू शब्द की वास्तविकता यह है कि जब मुसलमानों /मुगल आक्रमणकारियों ने हमारे देश को गुलाम बना लिया और यहाँ का शासक बन गये तब सिंधु नदी के इस तरफ रहनेवाले सभी हारे हुए लोगों को उन विजेताओ ने हिन्दू नाम से संम्बोधित करना शुरू कर दिया। हिन्दू किसी भी भारतीय भाषा का शब्द नहीं है ये परशियन भाषा का शब्द है। इसका अर्थ होता है - चोर , डाकू , गुलाम , काफिर , काला आदि जो ब्राह्मण (RSS) सबसे ज्यादा आज हिन्दू - हिन्दू की रट लगाये हुए है ये 1922 के पहले अपने को हिन्दू नहीं मानता था और हिन्दू शब्द को एक गाली मानता था, यहाँ तक की आज भी ये ब्राह्मण दिल से अपने आपको हिन्नदू नहीं मानते हैं। अगर विश्वास न हो तो किसी ब्राह्मण से पूछ कर देख सकते की तुम कौन हो? जवाब मिलेगा मैं ब्राह्मण हूँ न कि हिन्दू? इस देश में जिस धर्म को आज हम हिन्दू धर्म के नाम से जानते हैं पहले ब्राह्मण धर्म के नाम से जाना जाता था और यही शब्द वेदों में भी वर्णित है। एक बात और सोचनें वाली है कि अगर ये लोग अपने आपको हिन्दू मानते तो क्या 1875 में दयानंद सरस्वती नामक ब्राह्मण आर्य समाज की स्थापना करते ??? या फिर हिन्दू समाज की यहाँ तक कि जब मुगलों द्वारा इस देश के हिंदुओं के ऊपर जब जजिया कर लगाया , तो ब्राह्मणों ने इस कर को यह कह कर मना कर दिया था कि हम भी तो तुम्हारी ही तरह विदेशी हैं हम ब्राह्मण है कोई हिन्दू नहीं हकीकत मे हिन्दू शब्द इस देश के असली वाशिंदों (sc,st,obc) के लिए विदेशी ब्राहम्णो द्वारा प्रयुक्त किये गए थे. ब्राह्मणों का ये भी कहना था कि एक विदेशी दूसरे विदेशी से कैसे कर ले सकता है? हिंदुओं से कर लिया जाय, हम लोगों से नहीं क्योंकि मैं ब्राह्मण हूँ हिन्दू नहीं। इस बात को और आगे ले जाते हुए उनके दरबारों में न सिर्फ ये लोग मंत्री/नवरत्न बन बैठे बल्कि अपने आपको हिन्दू कर ( जजिया कर) से भी मुक्त करवा लिया। साथियों जब 1917 में रशिया में क्रांति हुई और ठीक उसी समय ब्रिटेन में भी प्रौढ़ मताधिकार का आंदोलन शुरू हुआ क्योंकि वहाँ लोकतंत्र तो था , लेकिन सभी लोगों को मत देने का अधिकार नहीं था। 1917 मे लंदन मे व्यस्क मताधिकार का विधेयक पारित होता तो भारत में अल्पसंख्य विदेशी ब्राहम्णो का माथा ठनकता है कि इस अधिकार से तो भारत में उनका वर्चस्व ही समाप्त हो जायेगा. इस व्यस्क मताधिकार के आंदोलन के डर से भारत मे निवास करने वाले विदेशी ब्राह्मणों ने एक बार पुनः पैतरा बदला और अपने आपको हिन्दू नाम की चादर में लपेट लिया, क्योंकि ब्रिटेन में अगर प्रौढ़ मताधिकार लागू होता तो भारत में भी ये लागु होना ही था क्योंकि भारत पर तब ब्रिटेन का ही शासन था। इनको डर था की अगर भारत में प्रौढ़ मताधिकार लागू होता है (जैसा की बाद में हुआ भी) तो सत्ता ब्राह्मणों के हाथ से छीनकर यहाँ के शूद्रों के हाथों में चली जाती, क्योंकि लोकतंत्र में तो सत्ता चुनने का हक़ जानता के पास होता है और इस देश की 85% जनता को विदेशी ब्राहम्णो ने शुद्र घोषित की हुई थी। इसलिए शासन - सत्ता पर कब्ज़ा करने के उद्देश्य से इन ब्राह्मणवादियों ने सिर्फ हिन्दू हिन्दू चिल्लाना शुरू किया बल्कि रणनीति के तहद 1922 में हिन्दू महासभा का गठन करके उसपर अपना कब्ज़ा भी जमा लिया जो आज भी निरंतर जारी है और अपने को पहली बार मजबूरी में हिन्दू कहलाना स्वीकार किया वो भी राजनितिक स्वार्थ सिद्धि के लिए तथा अपने को अल्पसंख्यक से बहुसंख्यक बनाने के लिए। यही नहीं ठीक इसके 3 साल बाद 27 सितम्बर 1925 को इन्होने मनुस्मृति के सिद्धान्तों को लागु करने के लिए एक विदेशी ब्राह्मण, हेडगेवार ने कांग्रेस पार्टी की देख रेख मे एक नया ब्राह्मणी संगठन बनाया, जिनको हम आज RSS के नाम से जानते हैं। जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कभी कोई हिस्सा नहीं लिया और जिसका उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ एक था इस देश में ब्राह्मणवाद स्थापित करना अर्थात बात राष्ट्र की करनी और हित ब्राहम्ण का साधना की नीति अपनाई और उसे लागू किया यानि वर्ण और जातिव्यवस्था को मजबूती से इस देश में पुनर्स्थापित करना, हिन्दू मुस्लिम दंगे करवाना ताकि sc,st,obc को हिन्दू बनाकर उनके समर्थन से देश की सत्ता पर कब्जा किया जा सके और इन देश में आज़ादी के बाद भी धर्म के नाम की सत्ता स्थापित करना जिसमे वो आज़ादी के बाद से अब तक पूर्णतया सफल हैं क्योंकि हम (sc,st,obc, mino.) इसके चाल को समझ नहीं सके हैं और इलेक्शन के टाइम पर हिन्दू बनकर इनको जीत देते जो सत्ता पते ही पुनः हमें जातियों में बाँट देते हैं हमारे हक अधिकारों का हनन करने का काम करते हैं. अब इतिहास से हम सबको पता चल गया है कि इस देश का 99 % मुसलमान कोई और नहीं बल्कि ब्राह्मणों के द्वारा सताया गया मूल बौद्ध संस्कृति यानी बौद्ध धम्म का अनुयायी है जिनके स्वाभिमानी पूर्वजो ने विदेशी ब्राह्मणो के अन्याय अत्याचार व ब्राह्मणवाद/उच-नीच से तंग आकर अपने आर्थिक और सामाजिक बराबरी और सम्मान पाने के लिए समानता को मानने वाले धर्म इस्लाम को अपनाया था जो असल में हमारे (sc,st,obc) के ही भाई हैं. ये बात हम नहीं विदेशी ब्राह्मण जानते हैं. ब्राह्मणवादी लोग हम (sc,st,obc) के लोगों को आपस में और अल्पसंख्यको (मु. सिक्ख,इसाई व लिंगायत) से लड़ने का काम कर रहे हैं। यह हम सब लोगों को आपस में समझना पड़ेगा। इसलिए आज से हम सब मिलकर कसम खाएं कि 1) धर्म के नाम पर ब्राह्मणों द्वारा फैलाये जानेवाले दंगे-फसादो का हम कभी हिस्सेदार नहीं बनेंगे, 2) आज से संविधान के दायरे मे ब्राह्मणवाद/ ब्राह्मण आतंकवाद को मिटाने के लिए संघर्ष शुरू करेंगे 3) ब्राह्मणों द्वारा सांप्रदायिक दंगे फ़ैलाने की चेष्टा करने पर हमसब जाकर मुस्लमान भाइयों को ब्राह्मणों का घर दिखा देंगे की दंगे फैलानेवाले तो ब्राह्मण है हम सब नहीं। 4) मुस्लमान भाइयों के साथ मिलकर ब्राह्मणवाद/ब्राह्मण को मिटा देंगे और देश मे समता, स्वतंत्रता, बन्धुता एवं न्याय पर अधारित समाज व्य्वस्था का निर्माण करेंगे. 5) विदेशी ब्राहम्णो द्वारा शोषित वर्ग के सभी जाति के लोग तथा इस देश में ही जन्मे परंतु आज अल्पसंख्यक के क्षद्म नाम से जाने जानेवाले हम सभी भाई आपस में मिलकर रहेंगे और मिलकर इस देश में संविधान लागु करने की जंग शुरू करेंगे जो हमें समता,स्वतंत्रता, बंधुत्व की शिक्षा देता है हमें अपने मौलिक अधिकार देता है उसकी प्राप्ति के लिए और मनुवाद को जड़ से उखाड़ फेकने के लिए मिलकर संघर्ष करेंगे। क्योंकि इस देश का दुसमन अल्पसंख्यक (3.5%) ब्राह्मण आपका दुश्मन मनुवादी आतंकवाद मेरा दुश्मन ब्राह्मण वादी व्यवस्था हमारा दुश्मन ब्राह्मण वादी व्यवस्था देशद्रोही ब्राह्मणवादी व्यवस्था समाज द्रोही ब्राह्मणवादी व्यवस्था देश और समाज के विकाश का दुश्मन ब्राह्मणवादी/मनुवादी व्यवस्था ऊन्च-नीच,छुवाछूत फैलानेवाला विदेशी ब्राह्मण मनुस्मृति/आतंकवादी शास्त्र लिखनेवला ब्राह्मण दुनियां में आतंकवाद/मनुवाद/RSS का जनक ब्राह्मण दंगे भड़कानेवाला ब्राह्मण हमें आपस में लड़नेवाला ब्राह्मण समाज तोड़नेवाला ब्राह्मण तो चलो हम सब मिलकर कदम बढ़ाएं। ब्राह्मण /ब्राह्मणवाद व मनुवादी आतंकवाद को जड़ से मिटायें हम सब मिलकर अपना नया भारतवर्ष बनायें।. जय मूलनिवासी बहुजन क्रांति मोर् 👉 ;#ब्राह्मणविदेशी

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