खेती से प्रगति बिलकुल हो सकती है | जिस किसान भाई ने कुछ अलग करने की सोची है और कोशिश की है वहां सफलता जरूर मिली है और आज उन किसानो का लाखों करोड़ों का टर्नओवर है कौन सी। सी। फार्मिंग / जड़ी-बूटी अधिक लाभदायक है, भारत में हर्बल खेती का व्यवसाय है, हर्बलाइफ उत्पाद हैं दवा की खेती / जड़ी-बूटी वाली फसलों को बोने वाले किसानो का टर्नओवर आज करोड़ों रूपए है| पारम् खोज खेती से किसानो को हमेशा नुकसान ही हुआ है और कर्ज के दलदल में फंसे हैं | कुछ प्रगतिशील किसान जिनके पास पैदावार है और खेती छोड़कर अन्य खेती से औज़ोड व्यवसाय शुरू किया जाता है आज वे ग्रंथालय हैं| आम खेती के साथ जिन किसानो ने जड़ी बूंटी की खेती अपनाई है वो भी बीस गुना मुनाफा कमा रहे हैं| कोलियस, सफ़ेद मुसली, लेमनग्रास, श्यामा तुलसी, जामारोजा, अम्बा हल्दी, लाल चंदन, मुलेठी, सर्वगंधा, नीम, जामुन गुठली, सोठ, ब्रम्हि और शंख पुष्पी ऐसी ही औषधीय वनस्पतियां हैं, जिनकी कंपनियों को भारी डिमांड है| दवा की खेती / जड़ी-बूटी वाली फसलों को बोने वाले किसानो का टर्नओवर आज करोड़ों रूपए है| कई जड़ी बूंटी प्रति एकड़ 3 से 4 लाख का मुनाफा देती हैं| उनमें से एक है अश्वगंधा| अश्वगंधा की उन्नत खेती अश्वगंधा जड़ी-बूटी या औषधि बहुत महत्वपूर्ण और प्राचीन है जिसका स्वाद का इस्तेमाल भारतीय है पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली जैसे आर्युवेद और यूनानी में दवाओं के रूप में किया जाता है| अश्वगंधा औषधि "सोलेनसिया" परिवार और "विथानिया" प्रजाति का होता है और यह वैज्ञानिक नाम "विथानिया सोमानिफेरा" है| अश्वगंधा की पत्तियां हल्की हरी, अंडाकार, सामान्य तौर पर 10 से 12 सेमी लंबी होती हैं कौर पर इसके फूल छोटे, हरे और घंटे के आकार के होते हैं| आमतौर पर पका हुआ फल नारंगी और लाल रंग का होता है। अश्वगंधा की व्यावसायिक खेती में खेती का प्रबंधन और उपयुक्त बाजार म |
ये राजस्थान भाजपा सरकार की डिप्टी सीएम प्रिंसेस दिया कुमारी हैं इनके परदादा के परदादा थे मान सिंह, मान सिंह की बहन थी जोधा बाई, जोधा बाई के पोते का नाम था औरंगजेब। औरंगजेब के रीश्तेदारों को भाजपा डिप्टी CM बनाती हैं, और उधर अंधभक्त औरंगजेब को गालियां देते हैं! भाजपा गड़े मुर्दे उखाड़ती है तो यहाँ गड़ा इतिहास उखाड़ लाया गया है।
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