*देश की राजधानी दिल्ली में 70 से 80 लाख मजदूरों का शोषण
*
🌼 मिलती नहीं न्यूनतम मजदूरी🌼
दिल्ली सरकार होश में आओ
*श्रमिकों को न्यूनतम वेतन दिलवाओ, वरना कुर्सी खाली करो*!
दिल्ली के मुख्यमंत्री कहती हैं कि दिल्ली में श्रमिकों को 18000हजार रुपए से कम नहीं होगी किसी की सैलरी, वहीं भारत सरकार 1035₹ रोजाना मजदूरी देने की घोषणा करती हैं। और दैनिक समाचार पत्र नवभारत टाइम्स की हेडलाइन में समाचार प्रकाशित कर दिल्ली के 70 से 80 लाख मजदूरों को गुमराह करते हैं।
देखा जाए तो! जमीनी स्तर पर दोनों सरकारों के बयान झूठे हैं। दिल्ली के श्रमिकों की आधी कमाई भ्रष्ट अफसरों, श्रमिकों के वेतन की कालाबाजारी करने वाले व्यापारियों, सफेद पोज दलालों की जेब में जा रही है। दिल्ली के मजदूरों को 8हजार रुपए से 10 हजार से ज्यादा दिल्ली के किसी फैक्ट्री संस्थान में नहीं मिलता है। प्रमाण के लिए आनंद पर्वत फैक्ट्री एरिया का ही सर्वे कर लिया जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी।
👉इसलिए हमारा पैगाम है कि:-
*न्यूनतम वेतन लागू करो वरना कुर्सी खाली करो*।
*अभय रत्न बौद्ध*
मानवाधिकार सामाजिक कार्यकर्ता एवं
*राष्ट्रीय संगठक एवं समन्वयक*
राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद बुध्दगया एवं
*बौद्ध संगठनों का राष्ट्रीय समन्वय भारत*
*केंद्रीय कार्यालय*
बुद्ध कुटीर, 284/सी-1, स्ट्रीट नंबर-8, नेहरू नगर, नई दिल्ली-110008
M:9899853744
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