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क्या सरकारी कर्मचारी गुलाम है?

 

🌷 क्या सरकारी कर्मचारी गुलाम है?🌷

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🌱 आदिवासी सरकारी कर्मचारी ऑफिस समय में अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी के साथ निभा रहे हैं!!


🌱 आदिवासी सरकारी कर्मचारी "अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र" लगा कर आरक्षण का लाभ लेकर सरकारी नौकरी में आया है!!


🌱 अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र और आरक्षण से सरकारी नौकरी में लगे सभी कर्मचारी "आदिवासी समाज को प्रशासन में मिली हिस्सेदारी (आरक्षण)" में से लाभ लेकर सरकारी नौकरी कर रहे हैं अर्थात आदिवासी समाज को मिले हिस्से में से नौकरी लेकर कमा खा रहे हैं, मासिक वेतन (पैसे) लेकर गाड़ी बंगला खरीद रहे हैं!!


🌱 पूरे आदिवासी समाज को मिले हिस्से में से एक हिस्सा सरकारी नौकरी के रूप में लेने की वजह से हरेक आदिवासी सरकारी कर्मचारी का नैतिक कर्तव्य है कि वह समाज का जनजागरण करें और सामूहिक ताकत निर्माण करे तथा संवैधानिक अधिकार की सुरक्षा करें!!


🌱 इसी सामाजिक कर्तव्य को ध्यान में रखते हुए आदिवासी सरकारी कर्मचारी अपने समाज के ऋण को उतारने के लिए आदिवासी समाज का जनजागरण अभियान चला रहे हैं, वे राजनीति नहीं कर रहे हैं!!


🌱 अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र लगा कर सरपंच, प्रधान, जिला प्रमुख, विधायक, सांसद, मंत्री बने हैं उनकी पहली जिम्मेदारी थी, राजनीतिक नेता अपने टिकट और सवर्ण समाज की गुलामी तक सीमित हो गए, नेताओं का नैतिक कर्तव्य था कि आदिवासी समाज के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा करें, समाज के साथ खड़े रहे, समाज के जल जंगल जमीन की सुरक्षा करें, लेकिन कांग्रेस भाजपा के आदिवासी नेता ऐसा नहीं कर रहे हैं!!


🌱 कांग्रेस भाजपा के आदिवासी नेता समाज की सुरक्षा करने के बजाय जो सरकारी कर्मचारी समाज का जनजागरण कर रहे हैं उनके पीछे पड़े हुए हैं बदनाम कर रहे हैं, दूसरे समाज के इशारे पर शासन प्रशासन से झूठी शिकायत और प्रशासनिक कार्यवाही करा रहे हैं, आदिवासी नेता समाज की सुरक्षा से उल्टा अन्याय करने वाले लोगों का पक्ष लेते हैं, झूठे आरोप लगाने वालों के साथ खड़े रहते हैं, जल जंगल जमीन छीनने वालों को मदद करते हैं, इस तरह *भस्मासुर* का किरदार आदिवासी नेता निभा रहे हैं, इसलिए सरकारी कर्मचारी अपनी डबल सामाजिक जिम्मेदारी निभा रहे हैं!!


🌱 पूर्व मंत्री सुशील कटारा, जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी, सांसद मन्नालाल रावत के निर्देश पर 11 आदिवासी सरकारी कर्मचारी को जिले से बाहर ट्रांसफर कराया गया और अभी 42 सरकारी कर्मचारी की शिकायत कराई है, इसलिए BJP को सबक सिखाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है!!


🌷 चाहे आप प्रशिक्षित बेरोज़गार हो, मजदूरी करने वाले मजदूर हो, खेती करने वाले किसान हो, पढ़ने वाले विद्यार्थी हो, सरकारी कर्मचारी हो, हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी BJP को हराने की हैं, चाहे कुछ भी हो BJP का रगड़ा निकालना ही है, सभी लग जाओ, देर नहीं करें, चुप नहीं बैठे, लगा दो पूरा जोर 🌷

🌳 जय भीलप्रदेश 🌳

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