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लड़ना तुम्हें पड़ेगा। प्रिय पिछडे़वर्ग के बहिन और भाईयो, जय भारत जय संविधान।

 


लड़ना तुम्हें पड़ेगा। प्रिय पिछडे़वर्ग के बहिन और भाईयो, जय भारत जय संविधान।

अब हमें निर्णय कर लेना चाहिए कि हम सभी भारतीय बर्ष २०२५ संविधान बर्ष मनायें और हम सभी पूरे बर्ष भर संविधान की समस्त जानकारी लोगों तक पहुंचाये। संविधान भारत राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोकर राष्ट्र के सभी वर्गों के लोगों को राष्ट्रीय विकास के लिए एकजुट होकर काम करने प्रेरित करता है। इसके लिए समता, स्वतंत्रता,बंधुता एवं सामाजिक न्याय की अवधारणा प्रदान करता है। भारत के सभी नागरिकों को मौलिक अधिकार देता है। शोषण के विरुद्ध लड़ने के साथ अपनी सरकार चुनने का अधिकार दिया गया है। कोई सरकार राष्ट्रीय विकास एवं लोकहित के अनुरूप कार्य न करने के कारण प्रत्येक ५ बर्ष बाद सरकार बदलने का अधिकार आपको दिया है। प्रत्येक भारतीय नागरिक को वोट डालने, चुनाव लड़ने और जीतकर सरकार बनाने का अधिकार आपको है। उद्योग और व्यापार करने का अधिकार आपके पास है। न्यायाधीश बन न्यायपूर्ण व्यवस्था कायम करने का अधिकार है।

पर वास्तव में संविधान की मंशानुरूप इस देश की व्यवस्था चल पा रही है?

नहीं न!

क्यों?

क्योंकि हमारी सरलता ने और शातिर लोगों के छल के कारण संविधान के नाम से छल करते हुए हमें संवैधानिक ज्ञान से वंचित कर दिया गया और देश में द्वैष युक्त माहौल बना स्वार्थी राजनीतिक दुश्चक्र में फंसा राजनीतिक दलों का बंधुआ मजदूर बना दिया। अब हमें अपने प्रिय समाज को संविधान की जानकारी देकर अपने हक अधिकारों को प्राप्त करने हेतु मत,पंथ की भिन्नता को त्याग समस्त शोषितों को एकजुट होना होगा।

हमारी लड़ाई किसी के विरुद्ध नहीं वरन् हक़ अधिकारों को प्राप्त करने की है। और यह सब संभव है। सिर्फ देरी है हमारे संकल्प की और घर की सुविधा को छोड़ने की। आयें हम क़दम बढ़ाएं और लक्ष्य प्राप्ति तक रुकें नहीं।

धन्यवाद।

जय भारत, जय जय भारत।

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