जनक: एक महत्वपूर्ण सूचना साथियों मूल निवासी बहु संख्यक समाज से निवेदन है की 31 दिसंबर 2024 भारत बंद का आवाहन किया जा चुका है इस भारत बंद को भारत मुक्ति मोर्चा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा बहुजन क्रांति मोर्चा राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा के नेतृत्व में इस भारत बंद को घोषित किया है लिहाजा निवेदन है कि इस भारत बंद को ज्यादा से ज्यादा सफल बनाने के लिए सभी भारत के सभी बहु संख्या अंक समाज से अनुरोध है कि आप अपने अधिकारों को आने वाली पीढ़ी के अधिकारों को बचाने के लिए इस इस भारत बंध मैं अपना साथ सहयोग और समर्थन करें kyunki यह भारत बंद भारत मुक्ति मोर्चा वोट मांगने के लिए नहीं कर रहा है नाही पिछड़ा वर्ग मोर्चा वोट मांगने के लिए नहीं कर रहा है नहीं बहुजन क्रांति मोर्चा वोट मांगने के लिए नहीं कर रहा है और ना ही परिवर्तन मोर्चा आपका वोट मांगने के लिए नहीं कर रहा है क्योंकि यह पॉलिटिकल प्लेटफार्म नहीं है तो आपसे वोट क्यों मांगेंगे Lekin लोकतंत्र में जब भी चुनाव होते हैं आप किसी न किसी को वोट देते हैं परंतु इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के बाद आप जिस किसी को वोट देते हैं उसे वह वोट नहीं मिल पाता है यह चुनाव आयोग के वजह से ईवीएम मशीन में घोटाला हो रहा है इस वजह से यह भारत बंद का घोषणा किया गया है यह भारत मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा और राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा और बहुजन क्रांति मोर्चा यह पॉलिटिकल संगठन नहीं है v फिर भी आपके अधिकार बचाने के लिए आंदोलन के जरिए संवैधानिक अधिकार बढ़ाने के लिए यह प्लेटफॉर्म बामसेफ ने फील्ड में उतरे हैं अब आप यह सोचिए की बामसेफ ही एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो ज्योतिबा फुले छत्रपति शाहूजी महाराज पेरियार रामास्वामी नायकर डॉक्टर बी आर अंबेडकर जिस व्यवस्था को निर्माण करना चाहते थे इस व्यवस्था को बामसेफ संगठन के अन्य संगठन उसे स्थापित करना चाहते हैं मूल निवासी बहुसंख्यक समाज के लिए इन महापुरुषों की प्रेरणा के तहत ही बामसेफ संगठन भारत में कार्यरत है बहुसंख्यक समाज का हितेषी संगठन बामसेफ के अलावा दूसरा कोई भी नहीं है तात्पर्य यह है बहुसंख्यक समाज का मतलब जानिए तो मैं बात बताना चाहता हूं एससी एसटी ओबीसी एंड माइनॉरिटी यह भारतीय संविधान के रिकॉग्नाइज्ड चारों कैटिगरीज है इन्हीं को संविधान में मान्यता है बाकी जो लोग हैं वह तो पूर्व से सक्षम तो इस दृष्टि से संविधान ने भारतीय लोगों के साथ बहुत बड़ा इंसाफ किया है परंतु जिन लोगों के हाथ में संविधान है वह संविधान को जानकारी कर अपनी मनमानी क्यू
क्यो कर रहे हैं वह इसलिए कर रहे हैं चुनाव एक बहाना है ईवीएम मशीन के माध्यम से वह अपना ही कैंडिडेट और सरकार बना रहे हैं इसे लोकतांत्रिक चुनाव नहीं कह सकते महत्वपूर्ण बात तो यह है भारतीय संविधान में कितने भी अधिकार आपको मिले हो उसे सभी अधिकार में बड़ा अधिकार है वोट का v उसे ही नेस्तना भूत कर दिया गया है ईवीएम मशीन के माध्यम से इसलिए हमारा बहु संख्या अंक लोगों से अनुरोध है निवेदन है हमें आपकी चौखट पर आकर वोट नहीं मांगना है हमें नेता बनने वाला कलाम पसंद नहीं है नहीं हम इसकी उम्मीद कर रहे हैं परंतु डॉक्टर बी आर अंबेडकर ने आप हम सबको वोट का जो अधिकार दिया है अपने संवैधानिक अधिकार बचाने के लिए दिया है अगर हम उसे अधिकार को नहीं बचा पाए तो हम आने वाली पीढ़ी को या उनके अधिकारों को कैसे बचा पाएंगे रही बात राजनीतिक दलों की तो जितने भी राजनीतिक दल है चाहे वह अंबेडकर वादी ही बात करते हो v कड़वा सच बोल रहा हूं वह ब्राह्मणों की राष्ट्रीय पार्टियों के पार्ट एंड पार्सल है साथियों सच बहुत ही कड़वा होता है लेकिन कड़वे मेडिसिन से बीमारी ठीक हो जाती है अगर समझ में आए तो आंदोलन में भाग दीजिएगा नहीं तो पीढ़ी को गुलाम बनाने की तैयारी में लग जाएगा अधिकार की लड़ाईया में निमंत्रण की आवश्यकता नहीं होती जिसके अंदर सामाजिक जमीर होता है वह बगैर निमंत्रण के आंदोलन में शामिल होता है क्योंकि हम लोगों को यह जो लड़ाई लड़नी है यह पर्सनल हमारी अपनी घर की लड़ाई नहीं है v यह सारे ही भारत के मूल निवासियों की अधिकार बचाने वाली लड़ाई है इससे पर्सनल भारत मुक्ति मोर्चा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा बहुजन क्रांति मोर्चा v या राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा v इन्हीं कार्यकर्ताओं के घर का आंदोलन नहीं है यह केवल अपने अधिकार , बचाने के लिए नहीं लड़ रहे हैं यह तो सभी बहुसंख्यक लोगों की भारत के मूल निवासियों के अधिकारों को बचाने की बात कर रहे हैं अनुरोध करता विजय वानखेडे, भारत मुक्ति मोर्चा और बहुजन क्रांति मोर्चा एवं राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा जॉन प्रभारी आप सभी को कल लिली टॉकीज चौराहे पर आमंत्रित करते हैं अधिकार बचाने के लिए आइएगा जरूर धन्यवाद जय मूलनिवासी
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