ब्राह्यण धर्म के अनुसार स्त्री शूद्र है
और शिक्षा ,सम्पत्ति का अधिकार नहीं है
यानि कि अधिकार वंचित है
किसी ना किसी पर निर्भर है
दुनिया में निर्भरता ही गुलामी है
इसका मतलब गुलाम है
तो जो लोग स्त्रियों को शिक्षा से रोकते हैं ,वही लोग स्त्रियों के श्रंगार को बढावा देते हैं
उसके गुणगान करते हैं
माता कहकर बुलाते हैं और माता आत्मनिर्भर नहीं है
स्त्री को बचपन में पिता,पत्नी के रूप में पति और बुढापे में पुत्र की गुलाम बनाकर ब्राह्मण धर्म ने रखा है।
इसके पीछे बहुत गहरा गूढ षड़यंत्र है
इसके पिछे उनका क्या मकसद है ?
एक आत्मनिर्भर शिक्षित महिला आत्मनिर्भर स्वाभिमानी संतान पैदा करती है
और स्वाभिमानी लोग आसानी से गुलाम नहीं बनाए जा सकते हैं
परंतु अगर निर्भर, सांस्कृतिक, मानसिक गुलामी स्त्रियों पर लाद दी जाती है तो
बहन/बेटी/बहू/महिलाएं/स्त्रियां दिनभर अपने श्रंगार मे डुबी रहेगी,
निर्भर गुलाम बनी रहेगीे और अपने हक अधिकारों के लिए संघर्ष नहीं करेगी
सांस्कृतिक गुलामी क्या है ?
उसके सामने उसकी नाबालिग बेटी कि शादी करवा सकते हैं ।उसकी जवान विधवा बेटी के पूनः शादी को रोक सकते हैं।उसके सामने और षड्यंत्र मे शामिल कर उसकी बहु को जला सकते हैं।मां अपनी बेटी को मंदिरों मे देवदासी बना कर "Temple prostitutions"के लिए अपनी बेटी को सौंप सकती है।सती प्रथा अभी इसी सदी मे बंद हुई है जिसपर अंग्रेजों ने कानून बना कर रोक लगाई है।
इस तरह स्त्रियों /महिलाओं मे सांस्कृतिक गुलामी का निर्माण किया
गुलाम स्त्री मानसिक विकलांग ,चारित्रिक गुलाम पुरूष पैदा करती है
जिनके लिए हक अधिकारों के लिए संघर्ष,मान, सम्मान और स्वाभिमान शब्द बैमानी है
तो सारा का सारा षड्यंत्र जिसमें स्त्री को मानसिक गुलाम बनाने का जो षड्यंत्र है उसमें महिला तो केवल लक्ष्य (टारगेट)है
गुलाम बनाने वालों का उदेश्य(आब्जेक्टिव) नहीं
तो उदेश्य क्या है ?
उदेश्य है सांस्कृतिक मानसिक गुलाम महिलाओं के सहारे
देश कि 50% आबादी महिला को सांस्कृतिक गुलाम बना कर देश की 85% मूलनिवासी जनता पर राज करना आसान हो जाता है।
जैसे उदाहरण के तौर पर द्रौपदी के स्वंयवर मे लक्ष्य मछलियों कि आंख थी
परन्तु उदेश्य द्रौपदी को पाना था ।
इससे अल्पसंख्यक लोग बहुसंख्याक जनता को सांस्कृतिक आर्थिक शैक्षणिक राजनीतिक गुलाम बनाने मे सफल रहे
अगर आप को आजादी की चाहत है
आपको आजादी हासिल करनी है
तो आपको अपने घरों की सांस्कृतिक मानसिक गुलाम महिलाओं को शिक्षित करके,
आत्मनिर्भर बना कर
उसको आजाद करना होगा
बिना भारतिय महिलाओं/स्त्रियों कि आजादी के आपकी आजादी असंभव है
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