*ब्रेकिंग न्यूज रीवा/गुढ़🔥*
*28/12/024*
*धरे रह गए कलेक्टर के आदेश, व्यवस्था की खुली पोल, बारिश में भीगी हजारों क्विंटल धान*
*अगर हल्की बारिश होती तो खरीदी प्रभारी को होता फायदा आज अगर इससे तेज बारिश हुई तो सरकार को लगेगा लंबा चुना*
*कलेक्टर मैडम को चाहिए कि इन पर करें कड़ी से कड़ी कार्यवाही*
किसानों के खून पसीने की कमाई किस तरह से जिला प्रशासन और जिम्मेदार विभागों की लापरवाही से बर्बाद होती है इसका जीवंत उदाहरण आज रीवा जिले के खरीदी केन्द्रों में देखने को मिला रहा है। रीवा जिले के साथ साथ गुढ़ में भी हो रही सुबह से बारिश ने धान खरीदी केंद्रों में की जाने वाली व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। हद तो तब हो गई कि 2 दिन पहले कलेक्टर ने दो टूक कहा था कि, यदि बारिश से धान खराब होती है तो आप लोग जिम्मेदार होंगे और व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे, लेकिन 2 दिनों तक खाद्य विभाग, नागरिक आपूर्ति निगम सहित समितियां वा केंद्र प्रभारी
बने रहे और आज जब बारिश हुई तो खुलकर बेपरवाही सामने आई।
धान खरीदी केंद्रों में हजारों क्विंटल धान पानी में भीग कर बर्बाद हो रही है। धान खरीदी केंद्रों में ना तो तिरपाल की व्यवस्था थी और ना ही शेड की। हजारों किसान ऐसे हैं, जिनकी तौल भी नहीं हो पाई थी। वह अपनी तौल का इंतजार खरीदी केंद्रों में कर रहे थे। लगातार बारिश का दौर जारी है अब देखना होगा कि, जिला प्रशासन इतनी बड़ी मात्रा में खराब हुई उपज का आकलन कैसे करता है और किसानों को क्या राहत मिलती है।
रीवा जिले में होने वाली बारिश के संबंध में मौसम विभाग ने पहले ही आगाह कर दिया था। कृषि मौसम वैज्ञानिक द्वारा भी जिले में 3 दिनों तक मौसम खराब रहने वह बारिश होने की संभावना जताई गई थी। इसके बाद भी केंद्र प्रभारियों ने कोई व्यवस्था नहीं की और करोड़ों रुपए की धान भी कर बर्बाद हो गई है। हलांकि आपको बता दें कि महसांव, कसई, रीठी, बदवार, गुढ़, दुआरी, मनिकवार, ब्योहरा, कनौजा, टीकर सहित जिले भर के धान खरीदी केन्द्रो में किसानो की धान खुले मैदान में पड़ी हुई है जो आज सुबह से हो रही तेज वारिस से भीग रही है।
*चोटीवाला की कलम से*
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