.बहुजनों का असली स्वर्ग “सामाजिक परिवर्तन स्थल” ही है।
ये कोई पार्क नहीं बल्कि बहुजनों की राष्ट्रीय धरोहर “डॉ अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल।” है।
देश के सबसे शोषित और वंचित समाज को अभी तक सिर्फ़ एक बार देश के सबसे बड़े राज्य में अपने दम पर पूर्ण बहुमत की सत्ता मिली।
फिर क्या था।
-गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी
-बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट
-डॉ अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल
-दलित प्रेरणा स्थल
-डॉ अंबेडकर समेत बहुजन महापुरुषों के नाम पर 13 ज़िले।
-अंबेडकर, साहूजी और ज्योतिबा फुले विश्वविद्यालय
-महामाया आवास
-डॉ अंबेडकर ग्राम योजना
-रमाबाई अंबेडकर स्थल
और अनगिनत काम
सोचिए जब बहुजनों की सिर्फ़ एक राज्य में सिर्फ़ एक बार पूर्ण बहुमत की सरकार आई तो इंक़लाब आ गया। अगर दो-चार राज्यों में दो चार बार आ जाती या एक बार केन्द्र में आ जाती तब क्या होता?
देश में बसपा को छोड़कर किसी अन्य राजनैतिक दल ने आंबेडकरवादी विचारधारा के लिए अगर इतना काम किया हो तो डेटा सार्वजनिक करे।
सबसे ज़्यादा राज कांग्रेस ने किया, बताए कांग्रेस आंबेडकरवादी विचारधारा के लिए क्या किया?
सपा और भाजपा अपना काम सार्वजनिक करे?
जब बसपा को मौक़ा मिला तो सामाजिक परिवर्तन स्थल बनाया, जब भाजपा को मौक़ा मिला तो राम मंदिर बनाया, जब सपा को मौक़ा मिला तो सैफई महोत्सव कराया।
अपनी-अपनी प्राथमिकता की बात है।
जितना काम आंबेडकरवाद के लिए बसपा ने कर दिया है, अन्य दलों को वहाँ तक पहुँचने के लिए सदियाँ लगेंगी।
अब युगों-युगों तक रहती दुनिया तक जब देश का शोषित और वंचित समाज सामाजिक परिवर्तन स्थल और दलित प्रेरणा स्थल जाएगा तो सदियों से चले आ रहे दुख-दर्द-पीड़ा को भूलकर अपने महापुरुषों और इन इमारतों पर गर्व कर सकेगा।
जय भीम!
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