लोधी कुर्मी एवं गुर्जर बैठें एक साथ।
प्रिय पिछडे़वर्ग के बहिन और भाईयो जय भारत जय संविधान।
लोधियों, कुर्मियों, तथा गुर्जर बुद्धिजीवियों ने कुछ साहित्य सृजन किया है, जिसमें कुछ खोज प्रबंध भी लिखे हैं जिसमें यह तथ्य निकलकर सामने आये हैं कि ३७४३जातियां पूर्व में एक ही माता पिता की संतान हैं उनमें सर्वाधिक निकट हैं लोधी कुर्मी और गुर्जर।इन तीनों जातियों में कुर्मी और गुर्जर प्रबुद्धों ने काफी मेहनत कर वे एतिहासिक, पौराणिक, एवं किंवदंतियां तथा विदेशी मूल के लेखकों के ग्रंथों का सहारा लेकर यह सच्चाई सबके सम्मुख पेश की है हम सभी एक हैं। वहीं कुछ लोधी समाज के खोजी बुद्धि जीवियों ने जिनमें श्री बी के लोधी कानपुर ने काफी जानकारियां खोज शोध प्रबंध लिखे हैं। श्री हुकुम सिंह देशराजन जी जो लोधियों के सम्बन्ध में काफी जानकारियां संक्लित कर रखीं हैं। तीनों जातियों के प्रबुद्धों का अभिमत एक ही है।
समाज में तीनों जातियों के समान रीति रिवाजों के बावजूद काफी दूरियां हैं।
मुझे लगता है इन जातियों के प्रबुद्धों को एक साथ बैठकर सामाजिक समन्वय हेतु विचार विनिमय करना चाहिए। इस दिशा में सागर संभाग के दमोह जिले के दमोह नगर में रानी अवंतीबाई सामुदायिक भवन में १६फरवरी रविवार के दिन १०बजे दिन से सागर संभाग के प्रबुद्ध जन समागम का सम्मेलन किया जा रहा है जिसमें सागर संभाग के जिलों से प्रत्येक जिले से लोधी कुर्मी जातियों के ५-५सचेतजन अपेक्षित हैं। गुर्जर कोई हों तो सप्रेम आमंत्रित हैं। गुर्जर समाज के बुद्धिजीवियों को बाहर से आमंत्रित किया जा रहा है और वे आ रहे हैं।
लोधी समाज से ख्यातनाम श्री बी के लोधी जी तथा श्री देशराजन जी, कुर्मी समाज से श्री राजमोहन जी तथा गुर्जर समाज से ख्यातनाम रणबीर सिंह जी तथा कल्याण सिंह जी गुर्जर की उपस्थिति सुनिश्चित की जा चुकी है।
समाज उत्थान की चेतना से भरे हुए जन सादर आमंत्रित हैं।
आयें बैठे जागें और जगायें।
धन्यवाद।
जय भारत जय जय भारत।
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