वामन मेश्राम साहब जब तक है तब तक भारत के मूल निवासी सुरक्षित हैं मेश्राम साहब ही भारत के मूल निवासियों को आजाद करवा सकते हैं मेश्राम साहब के बाद जितने भी नील गमछे और जोर-जोर से नारे लगाने वाले हैं जो भारत की ब्राह्मण मीडिया द्वारा प्रचारित किए गए हैं और हाईलाइट किए गए हैं यह तो उनके गोद में जाकर बैठ जाएंगे क्योंकि दुश्मन में जिसको काउंटर करने के लिए इन दलालों को खड़ा किया है तो वह दलाल अपने पैरों पर खड़ा नहीं हुए हैं वह तो दुश्मनों ने खड़ा किया है तो दुश्मन जब काम हो जाएगा तो सहारा हटा देगा तो वह नीचे गिर जाएंगे ऐसे ही जोर-जोर से नारे लगाने वाले डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर के समय बाबू जगजीवन राम था जिसने अखिल भारतीय दलित वर्ग संगठन बनाया था और भारत की ब्राह्मण मीडिया ने उसका प्रचार प्रसार किया कि यह दलित का असली लीडर है और बाबा साहब अंबेडकर को हाईड किया था छुपाया था लेकिन बाबा साहब की हत्या के बाद बाबू जगजीवन राम ब्राह्मणों की गोद में जाकर बैठ गया और पहले से ही उनके सहारे पर ही वह खड़ा था और भारत के ब्राह्मण मीडिया ने कभी भी बाबासाहेब अंबेडकर का इंटरव्यू नहीं लिया इसलिए जो अभी भटके हुए लोग हैं वह अभी संभल जाओ
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