*शूद्र शूद्र होता है,*
*प्रधानमंत्री राष्ट्रपति मुख्यमंत्री बहुत बड़ा विद्वान ही क्यों न हो जाए ।*
*ब्राह्मण कभी नहीं बन सकता।*
प्रजातंत्र में एक समय प्रजा का एक राजा ढोंगी पाखंडी के सामने जमीन पर बैठकर यह बता दिया कि ब्राह्मण ही सर्वश्रेष्ठ है।
*सारे शूद्रों को एक बार फिर ब्राह्मणों की गुलामी स्वीकार कर लेनी चाहिए।*
यह पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी है ,जो कभी ओबीसी एससी एसटी माइनारिटी के कभी हितकारी नहीं हो सकतें हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री जी भी ब्राह्मण राष्ट्र बनाने और अपनी सम्पत्ति बचाने के लिए ब्राह्मणों के आगे नतमस्तक हैं।
मूलनिवासी बहुजन समाज ओबीसी एससी एसटी माइनारिटी के अंदर आने वाली सभी जातियां सावधान रहे।
यह समाजवादी की राजनीति नहीं ब्राह्मणों की राजनीति देश को ब्राह्मण के अधीन झोंकने के लिए आतुर हैं।
यही बहुजन समाज को गुमराह करने के लिए शूद्र शूद्र चिल्लाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी है।
आने वाले चुनाव में ऐसे मुखौटे वाले बेवकूफ बनाने वाले नेता से सावधान रहें।
आर के आरतियन
जिला अध्यक्ष
भारत मुक्ति मोर्चा बस्ती
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