जहां चाह हैं वहां राह निकल आती हैं। अब महाबोधी महाविहार मुक्ति आंदोलन और भी तेज गति से आगे बढ़ रहा है।
*जहां चाह हैं वहां राह निकल आती हैं। अब महाबोधी महाविहार मुक्ति आंदोलन और भी तेज गति से आगे बढ़ रहा है। भिक्खू संघ और बौद्ध अनुयाई सभी इस आंदोलन से जुड़ रहे और अपनी सहभागिता दे रहे है। आप भी बोधगया जाकर इस आंदोलन का हिस्सा बनिए। ताकि आपकी आने वाली पीढ़ी को बता सकें कि जब आंदोलन चल रहा था तो हम घर पर दुबके बैठे नहीं थे बल्कि इस आंदोलन में कूद पड़े थे । इस लड़ाई में हमने भी एक छोटे से भीम सिपाही की भूमिका निभाई थी। हमारी आने वाली पीढ़ी हम पर गर्व करेंगी।जैसा गर्व हम भीमा कोरेगांव के जाबांज सिपाहियों पर करते है।*
*तो आइए और इस आंदोलन में शामिल होकर,धरने में कम से कम अपने जीवन के अनमोल पांच दिन देकर अपनी भूमिका निभाईए।*
✊✊✊🤝
*हम लड़ेंगे हम जीतेंगे*
*अभी नहीं तो कभी नही*
*और अब नही तो कब???*
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