नेता इतना खा जाते हैं जनता बेचारी को बची कुची झूठन पर गुजारा करना पड़ता है...
सरकार ने 21 मार्च 2025 को भारत में सांसदों की सैलरी और भत्तों में बढ़ोतरी का नया नोटिफिकेशन जारी किया है।
नई सैलरी और भत्ते:
▪️बेसिक सैलरी: ₹1,00,000 से बढ़ाकर ₹1,24,000
▪️डेली अलाउंस: ₹2,000 से बढ़ाकर ₹2,500
▪️पेंशन: ₹25,000 से बढ़ाकर ₹31,000
▪️अतिरिक्त पेंशन: हर पांच साल की सेवा के बाद ₹2,500 प्रति वर्ष बढ़ेगी
अब सवाल यह उठता है कि जब सैलरी सिर्फ ₹1.24 लाख है, तो सांसदों का इतना बड़ा खर्च कैसे चलता है? रोज़ाना मिलने वालों की खातिरदारी, ट्रैवलिंग, स्टाफ का खर्च—यह सब कहाँ से आता है? जब इस पर गहराई से नज़र डाली गई, तो जो आँकड़े सामने आए, वे बेहद चौंकाने वाले हैं।
सांसदों को मिलने वाले अतिरिक्त भत्ते:
1. संविधानिक भत्ता: ₹70,000 प्रति माह
2. ऑफिस एक्सपेंस अलाउंस: ₹60,000 प्रति माह (PS, ड्राइवर, स्टाफ के लिए)
3. डेली अलाउंस: ₹2,500 प्रति दिन (संसद सत्र या कमेटी मीटिंग में शामिल होने पर)
4. कम्युनिकेशन अलाउंस: ₹1,50,000 प्रति वर्ष
👉 अब सोचिए, जब कॉल्स लगभग मुफ्त हो चुके हैं और इंटरनेट मात्र ₹500-1000 में उपलब्ध है, तो ₹1.5 लाख का कम्युनिकेशन अलाउंस किस बात का?
सांसदों को मिलने वाले विशेष लाभ (Perks):
1. यात्रा भत्ता:
▪️अनलिमिटेड फ्री ट्रेवल (फ्लाइट और ट्रेन, भारत में कहीं भी)
▪️कुछ यात्राओं में सांसद का जीवनसाथी भी मुफ्त यात्रा कर सकता है
2. आवास सुविधा:
▪️दिल्ली में सरकारी बंगले या सबसिडी वाले घर
▪️लुटियन्स दिल्ली में लग्जरी आवास
3. सुरक्षा सुविधा: गृह मंत्रालय द्वारा दी गई विशेष सुरक्षा व्यवस्था
4. सब्सिडी वाला भोजन: संसद की कैंटीन में पाँच सितारा भोजन सस्ती दरों पर
5. टैक्स छूट: सिर्फ़ बेसिक सैलरी पर टैक्स लगता है
सभी भत्ते और अन्य लाभ पूरी तरह टैक्स फ्री
👉 अब ज़रा गणना करें:
सांसद की वार्षिक सैलरी और भत्तों की कुल राशि ₹29.2 लाख बनती है।
जबकि अन्य कर-मुक्त लाभ ₹46 लाख से अधिक के हैं!
👉 रिटायरमेंट के बाद भी जारी सुविधाएँ:
▪️₹31,000 मासिक पेंशन (हर अतिरिक्त 5 साल के कार्यकाल के बाद ₹2,500 बढ़ेगी)
▪️फ्री एसी ट्रेन ट्रेवल (आजीवन)
▪️साल में 8 मुफ्त फ्लाइट टिकट
▪️आजीवन मुफ्त मेडिकल सुविधाएँ
▪️सरकारी गेस्ट हाउस में मुफ्त ठहरने की सुविधा
अब सोचिए, जब भारत की औसत वार्षिक आय ₹2 लाख के आसपास है, तो एक सांसद को मिलने वाले भत्ते 40-50 गुना ज्यादा क्यों हैं?
👉 तो क्या राजनीति घाटे का सौदा है ?
संसद में अक्सर अमीर-गरीब की बढ़ती खाई पर बहस होती है, लेकिन सांसदों को मिलने वाली इन सुविधाओं पर चर्चा नहीं होती।
अगर आप एक बार सांसद बन गए, तो पूरी जिंदगी आपको किसी चीज़ की चिंता करने की ज़रूरत नहीं। आपकी सैलरी, यात्रा, मेडिकल, आवास, और यहाँ तक कि रिटायरमेंट के बाद भी पेंशन और सुविधाएँ करदाता के पैसे से चलती रहेंगी।
तो जब लोग कहते हैं कि राजनीति घाटे का सौदा है, तो सोचिए—क्या सच में ऐसा है ?
टिप्पणियाँ