महाबोधि महाविहार मुक्ति आन्दोलन बौद्ध भिक्षुओं और उपासकों की ओर से स्वयंभू चल रहा है। आकाश लामा जी और उनके साथी महाबोधि महाविहार मुक्त करवाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं।
सभी आंदोलनकारी बौद्धों का एक ही मांग है कि महाबोधि महाविहार बोधगया का संचालन एवं प्रबंधन बौद्धों का होना चाहिए।
अनागारिक धम्मपाल से शुरु हुए आंदोलन की चिनगारी आज भी बौद्धों में मौजूद है। भदन्त नागार्जुन ससाई सुरी के नेतृत्व में भी आंदोलन चला, आंशिक सफलता मिली लेकिन महाबोधि महाविहार मुक्ति नहीं हुआ, आज भी मनुवादीओं के कब्जे में है। यह हकीकत सब जानते हैं। यह भी हकीकत की सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं 12- 13 साल से लंबित है, कोई सुनवाई नहीं हुई। आगे होने की संभावना कम है। जब न्यायालय में न्याय पाना मुश्किल होता है तब नागरिकों को सड़क पर उतरना पड़ता है, यही हो रहा है, यह लोकतांत्रिक तरीका है।
आकाश लामा जी और उनके साथीओं ने आंदोलन शुरू किया है, बिल्कुल सही है। इस आंदोलन को सभी बौद्धों का समर्थन है, ऐसा कहे तो ग़लत नहीं होगा।
आकाश लामा ने चंदा बटोर ने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है। लोग स्वयं दान देते हैं, पुरे देश में से दान मिल रहा है। दान में मिले धन का हिसाब किताब रखा जाता है और समय-समय पर जानकारी दी जाती है। इसलिए, "चंदा बटोर ने का धंधा" कहना अनुचित है।
बोधगया में कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं है और न होगा। धरना प्रदर्शन में शामिल होने वाले कोई भी व्यक्ति हिन्दू धर्म के विरुद्ध बात नहीं करता है। गाली गलौज की बात ही नहीं है।
सामणेर प्रव्रज्या की परंपरा बौद्धों की है। कोई भी व्यक्ति बुद्ध धम्म में विश्वास रखते हैं और सामणेर प्रव्रज्या लेकर आंदोलन को समर्थन देते हैं, यह तो अच्छा है।
बोधगया में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध विहारों के लिए कोई खतरा नहीं है और आगे भी नहीं होगा। वे लोग अपने विहारों में सुरक्षित है। आंदोलन के नाम पर कोई अशांति फैली नहीं है और आगे भी अशांति नहीं होगी। क्योंकि, बौद्धों का यह आंदोलन सही मार्ग पर चल रहा है, न्याय के मार्ग पर चल रहा है। बौद्धों की सही पहचान यह आंदोलन से उभर कर सामने आया है।
अभय रत्न जी, आप न्यायालय के रास्ते महाबोधि महाविहार मुक्त करवाना चाहते हैं। लेकिन, न्यायालय में न्याय नहीं मिला तो रास्ते पर आकर अपनी मांग रखनी चाहिए, यह बात आकाश लामा के नेतृत्व में हो रहा है।
आकाश लामा के आंदोलन में सहयोग नहीं करना चाहते हो तो मत दो, लेकिन अनाप-शनाप बोलना और लिखना बंद करें। आज लोग आपको खलनायक के रूप में देख रहे हैं, यह बात साफ़ है।
आपसे अनुरोध है कि आज से महाबोधि महाविहार मुक्ति आन्दोलन के विषय में कमेंट करना बंद कर दो। आपकी आबरू बचाई जा सकती है।
नमो बुद्धाय
रमेश बौद्ध बैंकर
अहमदाबाद, गुजरात
मोबाइल: 9998733336
टिप्पणियाँ