देश में ऐसा पहली बार हुआ, दलितों समाज ने ठाकुर समाज कि कलश यात्रा रोकी।।
एटा में दलित-ठाकुर समुदाय के बीच जबरदस्त टकराव, कलश यात्रा को लेकर भड़का विवाद
एटा (उत्तर प्रदेश)। जिले के जैनपुरा गांव में रविवार को उस वक्त तनाव भड़क गया जब ठाकुर समुदाय की ओर से निकाली जा रही कलश यात्रा को दलित समुदाय के लोगों ने रोक दिया। देखते ही देखते दोनों पक्षों में तीखी बहस शुरू हो गई, जो कुछ ही देर में हिंसक झड़प में बदल गई। हालात इस कदर बिगड़े कि मौके पर पहुंची पुलिस की भी हालत खराब हो गई और भारी पुलिस बल बुलाना पड़ा।
मामला भागवत कथा आयोजन से जुड़ा है, जिसे ठाकुर समाज द्वारा गांव में हर वर्ष की तरह इस बार भी आयोजित किया गया था। धार्मिक कार्यक्रम के तहत कलश यात्रा श्रद्धा के साथ निकाली जा रही थी, जो दलित बस्ती से होकर गुजरनी थी। लेकिन जैसे ही यात्रा दलित समुदाय के मोहल्ले के पास पहुंची, लोगों ने रास्ता रोक लिया।
दलित समाज का पक्ष:
दलित समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर जब उन्होंने शोभायात्रा निकालनी चाही थी, तो प्रशासन ने अनुमति नहीं दी और उनकी यात्रा को रोक दिया गया। ऐसे में वे अब ठाकुर समाज की यात्रा को भी अपने मोहल्ले से निकलने की अनुमति नहीं देंगे।
ठाकुर समाज का पक्ष:
वहीं ठाकुर समाज के लोगों का कहना है कि अंबेडकर जयंती की शोभायात्रा गांव में पहले कभी नहीं निकाली गई और वह एक नई परंपरा शुरू करने की कोशिश थी, जिसे प्रशासन ने अनुमति न होने के कारण रोका था। जबकि भागवत कथा एक धार्मिक और पारंपरिक आयोजन है, जो वर्षों से गांव में होता आ रहा है।
पुलिस प्रशासन की मुश्किलें बढ़ीं
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक दोनों पक्षों में गहमागहमी तेज हो चुकी थी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा। फिलहाल गांव में पुलिस तैनात है और स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है।
जांच के आदेश, तनाव बरकरार
प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है। हालांकि घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है और पुलिस हर गतिविधि पर नजर रखे हुए है।
*राजपूत कर सकते हैं तो अब जाटव भी कर सकते हैं... एक बार मौका भीमा कोरेगांव की तरह सरकार को हमें देना चाहिए।*
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*मनु महाराज और पशुलाम की औलादों की पहली बार ही यह गप्प भपकी यात्रा रोकी है... और जिसे सदियों से दला जा रहा था... जिन उच्च कहे जाने वाले निच्च लोगों द्वारा... आज उन्हीं की 3.50% अल्पसंख्यक मनुवादी मीडिया गला फाड़कर, चीख़कर चिल्ला कर न्यूज़ दिखा रही है कि... ठाकुलो की यातला लोक दी।*
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