*हमारे भारतीय संविधान 📘 में वर्णित शब्द सेक्यूलर - धर्म निरपेक्ष का यह कैसा मजाक उड़ाया जा रहा है, हमारे देश में सभी धर्मों व वर्गों के लिए बराबरी का स्थान है, तब हमारे देश के शासकीय शीर्ष पदों पर बैठे अधिकारियों को यह हक किसने दिया कि एक धर्म विशेष के किसी व्यक्ति से मिलने जाए उनसे दीक्षा ले और वो भी अपनी शासकीय वेश भूषा में जैसे के रामभद्राचार्य से मिलने सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी पहुंचे वो भी वर्दी मे, और रामभद्राचार्य से दीक्षा भी ली, मजे की बात एक और कि रामभद्राचार्य ने गुरू दक्षिणा में POK मांगा, रामभद्राचार्य चाहे तो मंत्रों के प्रभाव से पूरे पाकिस्तान को हिलाने का दम भरते थे, कैसी धूर्तता हो रही है देश में, एक तरफ तो विज्ञान और तकनीक की दम पर हम विश्व पटल पर अपनी ताकत दिखाते हैं और दूसरी तरफ धर्म विशेष बाबाओं के चरणों में गिरकर अंधविश्वास और धूर्तता का प्रदर्शन करते हैं*