*~~~भूखों मरने वालो आओ~~~*
*~~~~अपना देश संभालो~~~~*
*ताली थाली पीट चुके हैं, अब सिर पीट रहे हैं।*
*अभी तिरंगा यात्रा में वे, किसे घसीट रहे हैं ?*
इसी चोंचलेबाजी ने, इस जनता का दम तोड़ा।
नयी उमर की नयी फ़सल को, नहीं कहीं का छोड़ा।
*मिथकों में है रक्तबीज, जमने की अजब कहानी।*
*जो भी चाहो जैसा चाहो, कर डालो मनमानी।*
तारतम्य न टूट सके, सबको गरीब कर डालो।
भूखों मरने वालों आओ, अपना देश संभालो।
*उजड़ गया सिन्दूर उन्हें क्या, ये सिन्दूर करेगा ?*
*माँ की गोदी है खाली, अब उसको कौन भरेगा ?*
डंकापति का डंका जाने, कैसे टूट गया है ?
कौन ट्रंप आ कर के इनकी, महफ़िल लूट गया है ?
*गाल बजाने वाले फिर भी, अपने गाल बजाते।*
*क्रूर और निष्ठुर अपनों की, अर्थी यहाँ सजाते।*
राजनीति में गुंडों की, भर्ती से खेल हुआ है।
उत्तर भारत सबसे ज्यादा, इसमें फेल हुआ है।
*जो हराम की खाने वाले, रुतबा झाड़ रहे हैं।*
*गलत वीडियो बना बना कर, झंडा गाड़ रहे हैं।*
इन्हीं अन्ध भक्तों की आफत, यहाँ बुलानी होगी।
और आपदा में अवसर की, खींचतानी होगी।
*डूब डूब कर निकल पड़े हैं, जनता भी हलचल में।*
*ये बालू के ढेर बिखर, जायेंगे कुछ ही पल में।*
अब तक सबने देख लिया, ये कितने ढीठ रहे हैं।
गोबर के गुबरीले जैसे ही, ये कीट रहे हैं।
*ताली थाली पीट चुके हैं, अब सिर पीट रहे हैं।*
*अभी तिरंगा यात्रा में वे, किसे घसीट रहे हैं ?*
*मदन लाल अनंग*
द्वारा : मध्यम मार्ग समन्वय समिति।
*1-* वैचारिक खोज बीन के आधार पर समसामयिक, तर्कसंगत और अकाट्य लेखन की प्रक्रिया *मध्यम मार्ग समन्वय समिति* के माध्यम से जारी *2700 से अधिक लेख/रचनायें* सोशल मीडिया पर निरंतरता बनाये हुए हैं।
*2-* कृपया रचनाओं को अधिक से अधिक अग्रसारित करें।
*3-*सम्पर्क सूत्र~*