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महाबोधी सोसायटी स्थापना दिवस

 


*✨--30 मे 1891--✨* 

*महाबोधी सोसायटी स्थापना दिवस*

एक २१ वर्षांचा सिंहली बौद्ध तरुण भ.बुद्धांचा देश पाहायला भारतात येतो. ज्या ठिकाणी सिद्धार्थाला "बुद्धतत्व" प्राप्त झाले, त्या ठिकाणाला या तरुणाला नतमस्तक व्हायचे असते. मात्र येथील चित्र अतिशय विदारक असते. संपूर्ण महाबोधी महाविहाराचा ताबा एका महंताने घेतलेला असतो. या तरुणाला तो महंत महाविहारात बुद्धरुप ठेवू देत नाही की बुद्धपुजा म्हणू देत नाही, त्याला लाठ्या काठ्यांनी मारतो, रक्तबंबाळ करतो, जीवे मारण्याची धमकी देतो...

तो तरुण तेथेच भ.बुद्धांच्या "वज्रासन" कडे जातो, वंदन करतो आणि निश्चय करतो की "महाबोधी महाविहार हे संपूर्णपणे बौद्धांच्या ताब्यात देण्यासाठी मी आयुष्याच्या शेवटच्या श्वासापर्यंत प्रयत्न करीन". 


हा तरुण आपले घर दार, राष्ट्र सोडून बौद्धांच्या हक्कासाठी भारतात येतो आणि लढा देतो....न्यायिक लढा देण्यासाठी एक संस्था स्थापन करतो - द महाबोधी सोसायटी अर्थात The Mahabodhi Society. या संस्थेचे महत्त्वाचे उद्धिष्ट असते - महाबोधी महाविहार बौद्धांच्या ताब्यात मिळवून देणे....ती तारीख असते ३० मे १८९१...


म्हणजेच आज ही संस्था १२९ वर्षाची झाली . अजुनही असफल आहे .

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