*~~~~सत्ता उनके हाथ~~~~*
*~~ छिछोरे बने हुये सबके दादा~~*
*घुटने मोड़ के सोना सीखो, पाँव पसारो मत ज्यादा।*
*आँख खोल कर सोने वालो, कहाँ निभाओगे वादा ?*
बिजली की तुम खपत करो कम, तुमसे ही सब टिका हुआ।
पानी भी बरबाद करो मत, देख रहे हो बिका हुआ।
*वे बिजली बरबाद करें, या जल फैलायें नाली में।*
*ध्यान कहाँ देता है कोई, बिना हुनर के माली में।*
उनके महलों में बिजली भी, रात रात भर जलती है।
स्वीमिंग पूलों में पानी की, क्या मनमानी चलती है ?
*तुम्हीं धर्म की रीढ़ बने हो, तुम्हीं अन्धविश्वासी हो।*
*तुमसे जो व्यवहार हो रहा, जैसे यहाँ प्रवासी हो।*
कितने भावुक लोग हुये जब, बदला घर का माली भी।
सब्सिडी का छोड़ सिलिंडर, भरा हुआ है खाली भी।
*पर वे अपनी सुविधाओं को, बढ़ा चढ़ा कर खेल करें।*
*अन्ध भक्त इतने भोंपू हैं, वे ही सबको फेल करें।*
नहीं कहीं पर युद्ध छिड़ा है, पर वे तो भड़काते हैं।
सच को झूठ बनाने वाले, कुण्डी भी खड़काते हैं।
*मरते हरदम आम लोग ही, ये बस झूठ चलाते हैं।*
*जो झाँसे में नहीं आ रहे, आतंकी कहलाते हैं।*
इतने लोग मरे यदि उनसे, काम नहीं चल पायेगा।
कुछ अनहोनी कर के फिर, माहौल बनाया जायेगा।
*सक्रिय सेल हुये हैं सारे, टुकड़ों पर पलने वाले।*
*हैं गोला बारूद साथ में, हैं क्या क्या तलने वाले।*
गली गली में घूम रहे हैं, सब उनके बन कर प्यादा।
सत्ता उनके हाथ, छिछोरे बने हुये सबके दादा।
*घुटने मोड़ के सोना सीखो, पाँव पसारो मत ज्यादा।*
*आँख खोल कर सोने वालो, कहाँ निभाओगे वादा ?*
*मदन लाल अनंग*
द्वारा : मध्यम मार्ग समन्वय समिति।
*1-* वैचारिक खोज बीन के आधार पर समसामयिक, तर्कसंगत और अकाट्य लेखन की प्रक्रिया *मध्यम मार्ग समन्वय समिति* के माध्यम से जारी *2700 से अधिक लेख/रचनायें* सोशल मीडिया पर निरंतरता बनाये हुए हैं।
*2-* कृपया रचनाओं को अधिक से अधिक अग्रसारित करें।
*3-*सम्पर्क सूत्र~*
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