बुद्ध गया महाबोधि महाविहार की मुक्ति को लेकर बोधगया मंदिर अधिनियम १९४९ निरस्त कराने के लिए

 


भदंत शीलानंद महाथेरो 

वरिष्ठ भिक्खु उम्र ६७ वर्ष और वर्षा वास ३७ 

फूप बुद्ध विहार, जिला भिंड (चंबल संभाग) मध्यप्रदेश 


बुद्ध गया महाबोधि महाविहार की मुक्ति को लेकर बोधगया मंदिर अधिनियम १९४९ निरस्त कराने के लिए 

16 मार्च  से कठोर संकल्प कर धरना स्थल पर बिना खाना खाए रहे है। थोड़ा सा तरल फल आहार सुबह शाम लेते रहे है। 


सुबह दस बजे लगभग मगध विश्वविद्यालय के बड़े डॉक्टर समाजसेवी Dr. B P Nalin साहब ने भदंत विशुद्धानंद बोधि महाथेरो महाविहार में आकर जांच की और गोली दवाएं लिखी थी। कंपाउंडर ने आकर स्लाइन चढ़ा दिया था।


आज शाम को भिक्खु प्रज्ञावंश के साथ दो मुहान से आगे डॉ के आर दास Dr. K R Das, आनंद सेवा सदन में लेकर आने पर मालूम हुआ कि कुछ दिन पहले पांच बार ग्लुकोज़ के साथ दवाएं स्लाइन चढ़ा चुके है।

बहुत कमजोर हो जाने के कारण चक्कर आ रहे और घबराहट बहुत है।


 बी टी ऐक्ट 1949 को रद्द कराने और महाबोधी महाविहार की मुक्ति के कठोर संकल्प लेने के कारण भदंत शीलानंद महाथेरो की हालत गंभीर बनी हुई है।


भदंत प्रज्ञाशील महाथेरो 

धरना स्थल, भदंत विशुद्धानंद बोधि महाथेरो महाविहार, 

महुवाबाद, रामपुर रोड, बुद्ध गया जिला गया बिहार

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