प्राचीन बर्मी बुद्ध विहार, नौगढ़, जिला- सिद्धार्थ नगर, उत्तर प्रदेश पर जबरन आसामाजिक तत्वों द्वारा तोड़फोड़, अतिक्रमण करने का प्रयास, कार्यवाही हेतु
*महामान्य श्री जांव ऊ जी*
म्यांमार संघ गणराज्य के माननीय राजदूत, म्यांमार दूतावास,
3/50F, न्याय मार्ग,चाणक्यपुरी,
नई दिल्ली -110021
विषय: प्राचीन बर्मी बुद्ध विहार, नौगढ़, जिला- सिद्धार्थ नगर, उत्तर प्रदेश पर जबरन आसामाजिक तत्वों द्वारा तोड़फोड़, अतिक्रमण करने का प्रयास, कार्यवाही हेतु याचिका।
महोदय
निवेदन के साथ सूचित करना है कि प्रार्थी भिक्खु आलार कालाम
उपज्झाय पूज्य भिक्खु एस० नन्दा महास्थविर बर्मी बुद्ध विहार संकिसा, अग्रलिखित सादर अवगत कराना है कि- आज दिनांक 17-06-2025 को आसामाजिक तत्वों एवं बर्मी बुद्ध विहार का विरोधी पक्ष ने जबरन बलपूर्वक बुद्ध विहार के प्रांगण में घुसकर तोड़फोड़, अतिक्रमण एवं अवैध कब्जा करने पर अमादा हो गए हैं। जबकि असमाजिक तत्वों के विरुद्ध उपजिलाधिकारी कार्यालय सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश में कानूनी विवाद चल रहा है।
बर्मी बुद्ध विहार नौगढ़ सिद्धार्थ नगर उत्तर प्रदेश का प्राचीन इतिहास इस प्रकार है:-
सन 1957 में म्यांमार देश से पूज्य भिक्खु यू. सु. नन्दा अपने शिष्य डा० यू० नन्दवंशा के साथ भारत आकर उत्तर प्रदेश में 2 बर्मी बुद्ध विहार स्थापित करते हैं -
(1) बर्मी बुद्ध विहार मल्दहिया, कैण्ट, वाराणसी।
(2) बर्मी बुद्धविहार नौगढ़, सिद्धार्थ नगर।
बर्मी बुद्धविहार नौगढ़, सिद्धार्थ नगर संस्थापक पूज्य भिक्खू यू.सू. नंदा व सह-संस्थापक डॉ. यू. नंद वंशा जी के द्वारा स्थापित किया जाता है।
जो कि कपिलवस्तु व लुम्बिनी के निकट है। जिसमें दो बोधिवृक्ष आज भी स्थित हैं। जिसे मान० प्रधानमंत्री क्रमशः म्यांमार व श्रीलंका व्दारा रोपित किया गया है।
उपरोक्त दोनों स्थानों की विशेषता यह है कि
रेलवे स्टेशन व बस अड्डे के समीप प्राइम लोकेशन पर स्थापित किए गए।
तत्पश्चात वाराणसी स्थित बर्मी बुद्ध विहार के विहाराधीश पूज्य भिक्खू डॉ. यू. नंद वंशा महाथेरो व बर्मी बुद्ध विहार नौगढ़ सिद्धार्थनगर के विहाराधीश पूज्य भिक्खू यू.सू. नंदा महाथेरो जी हुए।
सन 1974 में सिद्धार्थ नगर स्थित वर्मी बुद्ध विहार के विहाराधीश जी की मृत्यु हो जाती है, जिनकी अस्थि स्थापना बर्मी बुद्ध विहार सिद्धार्थ नगर के प्रांगण में ही हुई। बर्मा देश के प्रथम प्रधानमंत्री मान. यू. नू. जी के कर कमलों से दिनांक 10/11/1974 को उसी अस्थि स्थल के ऊपर बोधि वृक्ष रोपित किया गया।
अब बर्मी बुद्ध विहार मल्दहिया वाराणसी
के तत्कालीन विहाराधीश
पूज्य भिक्खू डॉ. यू. नंद वंशा महाथेरो जी ने अपने स्थान पर अपने ही शिष्य पूज्य भिक्खु डॉ. गंभीरा बोधी
जी को नियुक्त कर स्वयं वर्मी बुद्ध विहार सिद्धार्थ नगर का प्रभार ग्रहण करते हैं।
सन 1990 में आपकी भी मृत्यु हो जाती है।
आपकी अस्थि कलश आज भी उक्त बुद्ध विहार में रखी हुई है। जिसकी स्थापना अभी तक नहीं हो पाई है।
बर्मी बुद्ध विहार नौगढ़ सिद्धार्थनगर की जिम्मेदारी पूज्य भिक्खु डा.यू. नन्दवंशा के द्वितीय शिष्य पूज्य भिक्खु डॉ. रेवता धम्मा जी पर थी,
जो कि B.H.U. वाराणसी में प्रोफेसर थे। अंग्रेजों द्वारा एक बड़ी मोनेष्ट्री इंगलैण्ड में दान किये जाने के कारण वह इंग्लैंड में ही शिफ्ट हो गये।
परिणामतः बर्मी बुद्ध विहार (नौगढ़) सिद्धार्थनगर शिष्य विहीन हो गया।
चूंकि संस्थापकगण विदेशी थे और हिंदी भाषा का ज्ञान नहीं था।ऐसे अनेक कारणों से भूमाफियाओं को जालसाजी
के लिए अनुकूल परिस्थितियां निर्माण हुईं।
बर्मी बुद्ध विहार नौगढ़ सिद्धार्थ नगर की संपूर्ण संपत्ति को अवैध रूप से हड़पने के लिए सन 1970 से 1990 तक कई जालसाजों ने कुत्सित प्रयत्न किये, जो कि निम्नवत है-
फर्जीवाड़ा क्रमांक (1)
सन 1970 बर्मी बुद्ध विहार नौगढ़ सिद्धार्थ नगर की संपूर्ण जमीन बुद्ध विद्यापीठ पी.जी. कॉलेज (संस्थापक- श्री राम शंकर मिश्र) को हस्तांतरित हो जाती है। जिसे पूज्य भिक्खु डॉ. यू. नंदवंश जी ने मुकदमा लड़कर सन 1973 में खतौनी में से खारिज करवाया।
फर्जीवाड़ा क्रमांक(2)
सन् 1972 सिद्धार्थ शिक्षा निकेतन नामक संस्था (जो कि गैर बौद्ध हिंदुओं की है) ने छल-फरेब व धोखे से दान पत्र बनवाया।
इस फर्जी दान पत्र को रद्द करने हेतु मामला न्यायालय में आज भी विचाराधीन है।
फर्जीवाड़ा क्रमांक(3)
सन 1984 बर्मी बुध विहार सिद्धार्थ नगर की संपूर्ण जमीन संतराम पुत्र भोनू आदि को जरिये बैनामा पत्र हस्तांतरित होकर खतौनी से मूल नाम खारिज हो जाता है।
फर्जीवाड़ा क्रमांक (4)
सन 1970 से सेवारत बौद्ध विहार की रसोइया कलावती पत्नी श्याम सुंदर लाल श्रीवास्तव ने वादा किया कि पूज्य भिक्खु संघ की अनुपस्थिति में वह श्रद्धापूर्वक बुद्ध विहार को संचालित करती रहेगी किंतु रसोईया कलावती की अप्रैल 2023 में मृत्यु होने के करीब 6 माह बाद जब बुद्ध विहार की अचल संपत्ति की अवैध बिक्री की सूचना मिली तो पूज्य भिक्खु संघ व बौद्ध श्रद्धालु स्तब्ध रह गए। अपने पवित्र धरोहर/विरासत को बचाने को लेकर चिंता व फिक्र हुई और प्रार्थी को डॉ. यू. मण्डला विहाराधीश बर्मी बुद्ध विहार मल्दहिया, वाराणसी के द्वारा अधिकृत प्रतिनिधि बनाकर बुद्ध विहार सिद्धार्थ नगर को भेजा।
प्रार्थी स्थानीय बौद्ध श्रद्धालुओं का साथ-सहयोग लेकर उक्त बर्मी बुद्ध विहार को पूर्णतया अपने नियंत्रण व कब्जे में ले लिया।
प्रार्थी जब इस प्रकरण में छानबीन करने लगा तो पता चला कि रसोईया कलावती ने
स्वयं व अपने दोनों पुत्रों आनंद कुमार व सुबोध कुमार के नाम चोरी चुपके कूट रचित दस्तावेज क्रमशः दान पत्र, बैनामा पत्र और वसीयत बनवाकर बुद्ध विहार की खसरा-खतौनी में अपना नाम दर्ज करवा लिया।
जिसका अनुचित लाभ उठाकर यह लोग वर्तमान में संपूर्ण बुद्ध विहार को बेचने के लिए आमादा हैं।
फर्जीवाड़ा क्रमांक (5)
श्रीमान ना.त. नौगढ़ 2020 के आदेशानुसार-
सन 1974 बैनामा के आधार पर अब यह लगभग संपूर्ण जमीन नीरज आदि की है। वर्तमान खतौनी धारकों का नाम खारिज किया जाता है।
प्रार्थी उक्त बुद्ध विहार का जीर्णोद्धार कराने के साथ-साथ 12 मार्च 2025 को
दर्जनों भिक्खुओं एवं बौद्ध श्रद्धालुओं के साथ श्रीमान जिलाधिकारी जनपद सिद्धार्थनगर को ज्ञापन सौंपा और न्याय की गुहार लगाई जोकि भारत के सोशल मीडिया व प्रिंट मीडिया आदि में वायरल व प्रकाशित हुआ।
फर्जीवाड़े की जांँच की मांग करते हुए उपरोक्त कूट रचित फर्जी दस्तावेजों को शून्य घोषित किये जाने की मांग किया। भूमि राजस्व रिकॉर्ड खतौनी में बर्मी बुद्ध विहार अंकित करते हुए जमीन के खसरे में सार्वजनिक पर्यटन/ धर्म स्थल घोषित किए जाने की मांग किया।
श्रीमान जिलाधिकारी महोदय जी के निर्देशानुसार श्रीमान उप- जिलाधिकारी "सदर" जी के यहां दिनांक 12 जून 2025 को उ.प्र. राजस्व संहिता धारा 144 अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया जा चुका है।
जिसकी सुनवाई की अगली तारीख 20 जून 2025 को है।
अतः माननीय जी से निवेदन है कि "बर्मी बुद्ध विहार नौगढ़ सिद्धार्थ नगर" की धार्मिक धरोहर के अस्तित्व को जालसाज और भू -माफियाओं से बचाते हुए सरकारी अभिलेखों में बर्मी बुद्ध विहार अंकित कराए जाने हेतु भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा माननीय जिलाधिकारी सिद्धार्थ नगर, एवं माननीय पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ नगर,उत्तर प्रदेश को निर्देशित कर न्याय दिलाने की कृपा करें।
सादर,
प्रतिलिपि सूचनार्थ:-
1- *श्री जगदंबिका पाल जी*,
माननीय सांसद, लोकसभा क्षेत्र डुमरियागंज, कैंप कार्यालय: नया पावर हाउस, बांसी रोड नौगढ़, सिद्धार्थ नगर, उत्तर प्रदेश।
2- *माननीय श्री अभय रत्न बौद्ध जी*
*राष्ट्रीय समन्वयक*: राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद बुद्धगया एवं
बौद्ध संगठनों की राष्ट्रीय समन्वय समिति भारत
*केंद्रीय कार्यालय*: बुद्ध कुटीर,284/सी-1, स्ट्रीट नंबर-8, नेहरू नगर, नई दिल्ली-110008
3- *डॉ. राजा गणपति आर.*
जिलाधिकारी,जनपद-सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश।
4- *डॉ. अभिषेक महाजन जी*
पुलिस अधीक्षक,
जनपद- सिद्धार्थनगर, उत्तर प्रदेश
निवेदक:-
*भिक्खू आलार कालाम*
*प्रभारी भिक्षु संचालक*: बर्मी बौद्ध विहार, पिठनी
खुर्द/मोहल्ला बुद्धनगर
निकट- सिद्धार्थनगर रेलवे स्टेशन, नगर पालिका परिषद सिद्धार्थनगर थाना व जनपद सिद्धार्थनगर।
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