बहुत भयंकर रूप से महत्वपूर्ण विषय
Secularism और Socialism का विरोध, सीधे तौर पर देश द्रोह है।
संविधान से Secularism शब्द का खत्म होने का सीधा सा मतलब यह है ,
देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करना।
यदि देश हिंदू राष्ट्र बनता है तो इसाई धर्म और इस्लाम धर्म के साथ साथ
भारत के मूल धर्मों , जैसे सिख धर्म,जैन धर्म, बौद्ध धर्म का भी अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा।
क्यों हिंदू धर्म का मुखिया ब्राह्मण होता है ।
जैसा का आपने देखा यादव जाति के कुछ लोगों को भागवत कथा कहने पर उन्हें भयंकर रूप से बेइज्जत किया गया ,
इससे पहले एक पटेल महिला कथा वाचक का भी भयंकर अपमान किया गया था ।
Sc, St,obc के लोगों की तो हिन्दू धर्म में औकात क्या है , ये बात भारत में पैदा हुआ हर आदमी जानता है ।
दुसरे Socialist शब्द को हटाने का मतलब है भारत को capitalist (पुंजीवाद ) राष्ट्र घोषित करना ।
यानि इसका मतलब ये हुआ कि आगे चलकर गरीबों को जिंदा रहने वाली सारी योजनाएं इसकी आड़ में बंद करने का प्लान है ।
ये गंभीर बाते सब देशवासियों को गंभीरता से समझनी चाहियें ।
अपने सब सगे संबंधियों, दोस्तों, रिस्तेदारों ,को बतानी चाहियें ।
तथा
राजनैतिक पार्टियों पर दबाव बनाना चाहिए कि ये शब्द संविधान ये ना हटें ।
यदि सबको इस देश में शांति से रहना है तो
सिखों , बौद्धों , जैनों मुसलमानों, इसाइयों सबको मिलकर इसका विरोध करना चाहिए।
यदि Sc, St, obc को अपनी आने वाली पीढ़ीयों को बचाना है तो सबको इसका पुरजोर विरोध करना चाहिए।
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