क्या उदितराज जैसे दल बदलू अवसरवादी लोग संविधान, आरक्षण लोकतंत्र बचाएंगे ॽ विजय बौद्ध संपादक दि बुद्धिस्ट टाइम्स भोपाल मध्य प्रदेश,,
क्या उदितराज जैसे दल बदलू अवसरवादी लोग संविधान, आरक्षण लोकतंत्र बचाएंगे ॽ विजय बौद्ध संपादक दि बुद्धिस्ट टाइम्स भोपाल मध्य प्रदेश,, जिन लोगों ने अपना जमीर बेचकर मनुवादियों के द्वारा दिए गए पद प्रतिष्ठा धन के प्रलोभन में कांग्रेस की कब्र खोदने का वर्षों तक काम किया है। और फासीवादी मनुवादी ताकतों को मजबूत करने का पाप किया है। क्या ऐसे अवसरवादी दलबदलु जो मनुवादियों की गोद में बैठे रहे, क्या वे लोग डॉक्टर अंबेडकर द्वारा निर्मित भारतीय संविधान, आरक्षण, लोकतंत्र को बचाएंगे ॽ जो लोग कांग्रेस की कब्र खोदकर संविधान लोकतंत्र आरक्षण खत्म किए जाने के मनुवादियों के षड्यंत्र में शामिल रहे। क्या ऐसे अवसरवादी दल बदलू जिनका कोई ईमान धर्म नहीं है, ऐसे लोग अब संविधान आरक्षण लोकतंत्र बचाने के लिए सम्मेलन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के ऑडिटोरियम भवन में परिसर द्वारा आयोजित संविधान बचाओ जनसंख्या के अनुपात में भागीदारी निजी क्षेत्र में आरक्षण और बोधगया टेंपल 1949 एक्ट में संशोधन किए जाने तथा ग्वालियर हाईकोर्ट में डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर की आदमकद प्रतिमा स्थापित की जाने के मुद्दों को लेकर 13 जुलाई को एक प्रांतीय सम्मेलन संपन्न हुआ है। यह सम्मेलन परिसंघ के अध्यक्ष भाजपाई कम कांग्रेसी डॉक्टर उदित राज की अध्यक्षता में तथा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजसभा सांसद दिग्विजय सिंह के मुख्य अतिथि एवं मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत की प्रमुखता में संपन्न हुआ है।। इस कार्यक्रम का आयोजन विशेष रूप से परिसंघ के प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर ए आर सिंह ने किया है। उक्त सम्मेलन को संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष निर्मला पाटिल ने कहा है। कि वर्तमान देश के भयानक एवं खतरनाक हालात देखते हुए तो मेरा मानना है। कि बिना राजनीति के सामाजिक क्रांति संभव नहीं है। क्योंकि राजनीतिक लोगों ने ही सत्ता में बैठकर संविधान और आरक्षण लोकतंत्र खत्म करने की साजिश रचे है। राजनीतिक सत्ता प्राप्त कर फासीवादी ताकते, संविधान आरक्षण और लोकतंत्र को खत्म करने पर आमादा है। वैसे डॉक्टर बाबा साहब अंबेडकर ने कहा था। कि सामाजिक क्रांति के बिना राजनीति के क्रांति अधूरी है। परंतु जो आज हम संविधान आरक्षण बचाने की बात कर रहे हैं, वह किसी सामाजिक गतिविधियों के कारण यह स्थिति निर्मित नहीं हुई है। बल्कि यह जो स्थिति निर्मित हुई है। जिनके हाथों में राजनीतिक सत्ता है। जो लोग देश पर राज कर रहे हैं। उन लोगों ने देश के संविधान और आरक्षण लोकतंत्र को खतरे में लाकर खड़ा कर दिया है। और हम इसे बचाने के लिए सामाजिक सम्मेलन की बात कर रहे। जब तक सत्ता में बैठे फासीवादी ताकतों को राजनीतिक यानीकि सत्ता परिवर्तन करने संकल्पित नहीं होंगे, तब तक हम संविधान बचा पाएंगे, ना लोकतंत्र न आरक्षण ॽ इसलिए फासीवादी ताकतों को कैसे रोका जाएॽ संविधान, लोकतंत्र, आरक्षण विरोधी ताकते को सत्ता से कैसे बेदखल किया जा ॽ, इस पर चर्चा होना चाहिए ॽ विगत 15 वर्ष पहले फासीवादी ताकतों ने तथाकथित अंबेडकरवादी नेताओं को पद प्रतिष्ठा और धन का प्रलोभन देकर कांग्रेस की कब्र खोदने की जिम्मेदारी दी थी। उस जिम्मेदारी को तथाकथित अंबेडकरवादी नेताओं ने बखूबी निभाया, जिस तरह से कुत्ता अपने मालिक के प्रति वफादार होता है। ठीक उसी तरह से उन्होंने फासीवादी ताकतों को के प्रति वफादारी निभाई। दिल्ली 26 अलीपुर रोड स्थित डॉ बाबासाहेब अंबेडकर के राष्ट्रीय स्मारक को उनकी महापरिनिर्वाण भूमि को महात्मा गांधी की समाधि राजघाट का दर्जा दिए जाने की फर्जी मांग को लेकर कई वर्षों तक समूचे देश में कांग्रेस के खिलाफ दूषित वातावरण का माहौल बनाया गया। कांग्रेस के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया। उन्हें अंबेडकर विरोधी पेश किया गया। और फासीवादी ताकतों को मजबूत करने का पाप किया गया है। पाप ही नहीं किया गया, बल्कि उन फासीवादियों की गोद में बैठ गए, उनके संविधान लोकतंत्र और आरक्षण को खत्म की जाने के षड्यंत्र में शामिल हो गए ।जब लात पड़ी तब उनसे अलग हुए, और अब कांग्रेस में शरणागत है। ऐसे अवसरवादी स्वार्थी तत्व आस्तीन के सांपों के साथ मिलकर बैठकर हम कैसे संविधान आरक्षण लोकतंत्र को बचा सकते हैंॽ जिनके समर्थन सहयोग के कारण ही फासीवादी ताकतों ने सत्ता हासिल की है। और अब संविधान में प्रदत हमारे सभी हक अधिकार और मान सम्मान को छीनना चाहते हैं। इसके लिए तो जिम्मेदार वह लोग हैं। जिन्होंने फासीवादी ताकतों को मजबूत करने का काम किया। मंच से मेरा यही अनुरोध है। कि संविधान आरक्षण लोकतंत्र को कोई कांग्रेस नहीं बचा पाएगा। संविधान लोकतंत्र आरक्षण को बचाने के लिए देश के सभी अंबेडकरवादी विचारधारा के राजनीतिक दलों के प्रमुख को अंबेडकरवादी बौद्ध समाज के प्रतिनिधियों से कांग्रेस हाई कमान प्रत्यक्ष भेंट करना चाहिए। परंतु कांग्रेस हाई कमान के पास उनसे मिलने का वक्त नहीं है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे अंबेडकर वादियों से मिलना नहीं चाहते। देश के अंबेडकरवादी बुद्धिजीवियों के प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष से भेंट का समय मांगा। 6 महीने तक के समय नहीं दिया गया। और जब समय दिया गया, तब प्रतिनिधि मंडल ने उनसे कहा, कि आपने सभी राजनीतिक दलों को संगठित कर इंडिया गठबंधन बनाया है। यह आपने बहुत अच्छा किया। परंतु स्वयं को आप अंबेडकरवादी प्रस्तुत करते हैं। तो आपने अंबेडकरवादी विचारधारा के राजनीतिक दल एवं उनके नेताओं को इंडिया गठबंधन में शामिल क्यों नहीं कियाॽ इतना जानने के बाद भी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने किसी भी अंबेडकरवादी राजनीतिक दलों के नेताओं को इंडिया गठबंधन में शामिल नहीं किया है। अब कांग्रेसी, संविधान लोकतंत्र आरक्षण बचाने की बात कर रहे है। और ऐसे अवसरवादी दलबदलुओं के साथ मंच साझा कर रहें हैं जो मनुवादियों के, संविधान लोकतंत्र आरक्षण खत्म किए जाने के साजिश में शामिल रहे है।
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