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फ़ासीवादी भाजपा के आतंकराज की एक और बानगी

 


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*फ़ासीवादी भाजपा के आतंकराज की एक और बानगी*

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_मध्य प्रदेश के देवास जिले के शुक्रवासा में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी मुद्दों को लेकर काम करने वाले नागरिकों और युवाओं का समूह हाउल क्लब इस समय फ़ासीवादियों के निशाने पर है।_ धर्मान्तरण कराने का फ़र्ज़ी आरोप लगाकर हाउल समूह के कार्यकर्ताओं पर बजरंग दल और भाजपा द्वारा पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर हमला किया गया। इस हमले के ख़िलाफ़ प्रतिरोध कर रहे हाउल क्लब के कार्यकर्ताओं को कई-कई बार हिरासत में लिया गया और हाउल क्लब के सौरभ बैनर्जी को गिरफ़्तार कर लिया गया। 


ग़ौरतलब है कि पिछले लम्बे से हाउल क्लब के कार्यकर्ता बजरंग दल जैसे फ़ासीवादी गुण्डा वाहिनी की आँखों की किरकिरी बने हुए थे। इन्दौर और देवास के अख़बारों के ज़रिये धर्मान्तरण कराने का फ़र्ज़ी आरोप लगाते हुए हाउल समूह के कार्यकर्ताओं के बारे में उल्टी-सीधी ख़बरें प्रकाशित की जा रही थीं। पुलिस प्रशासन को जब इस फ़र्ज़ी आरोप का कोई भी सबूत नहीं मिला तो इस क्लब की शुक्रवासा स्थित जगह पर छापा मारकर वहाँ मौजूद कार्यकर्ताओं को जबरन हिरासत में ले लिया गया और उनके साथ बुरी तरह मारपीट और गाली गलौज की गयी। जब इन कार्यकर्ताओं ने अपना पक्ष रखने के लिए प्रेस कॉन्फ़्रेंस की तो पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में फ़ासीवादी गुण्डों ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस पर हमला किया और कॉन्फ़्रेंस नहीं होने दी। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने बजरंग दल के इन गुण्डों पर कार्रवाई करने की बजाय हाउल क्लब के सौरभ बैनर्जी को ही गिरफ़्तार कर लिया। सौरभ को 29 जुलाई तक रिमाण्ड पर भेजा गया था, आज फिर कोर्ट ने चार दिन के लिए रिमाण्ड और बढ़ा दी है। इतना ही नहीं, हाउल क्लब और सौरभ बैनर्जी के पक्ष में जब इन्दौर के प्रगतिशील और जनपक्षधर नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन करने का फ़ैसला लिया तो न केवल प्रशासन ने यह प्रदर्शन नहीं होने दिया बल्कि प्रदर्शन की तैयारी करने वाले कई नागरिकों को घर में ही नज़रबन्द भी कर दिया।


ज़ाहिर है कि प्रशासन को इस तरह के धर्मान्तरण का कोई सबूत नहीं मिला है और अब प्रशासन द्वारा ज़मीन पर क़ब्ज़ा करने से लेकर तमाम तरह के अन्य आरोप लगाकर जाँच की क़वायद की जा रही है। लेकिन इतना साफ़ है कि हाउल क्लब को प्रताड़ित करने, झूठे आरोप लगाने, फ़ासीवादी गुण्डा गिरोह को खुली छूट देने और इस गुण्डा गिरोह का शिकार बनने वाले पीड़ितों पर ही मुक़दमा ठोंकने और गिरफ़्तार करने का मामला फ़ासीवादी गुण्डा वाहिनियों और पुलिस प्रशासन के गँठजोड़ के एक प्रातिनिधिक मॉडल के रूप में सामने या है। भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी फ़ासिस्ट गुण्डागिरोह बजरंग दल की गुण्डागर्दी और पुलिस प्रशासन की मिलीभगत और अन्धेरगर्दी की कठोरतम शब्दों में निन्दा करती है। साथ ही जनवादी और नागरिक अधिकारों के पक्ष में खड़े देश के तमाम इंसाफ़पसन्द नागरिकों और बुद्धिजीवियों से अपील करती है कि वह हाउल क्लब के साथियों का साथ दें। हमारी माँग है कि सौरभ बैनर्जी को रिहा किया जाये तथा हाउल क्लब के ऊपर लगे सभी फ़र्ज़ी मुक़दमों को वापस लिया जाये, बजरंग दल के हमलावरों पर मुक़दमा दर्ज़ किया जाये और इस मामले में दोषी प्रशासनिक अधिकारियों पर भी कठोरतम कार्रवाई की जाये।

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