*~~~नाम बुद्ध के कर्जा ले कर~~~*
*~~~~~सारा देश डुबाया है~~~~~*
*ले कर नाम बुद्ध का फिर से, झूठ पसारा जायेगा।*
*महाबोधि की दशा देख लो, कहाँ सितारा जायेगा।*
छद्म रूप धारण कर के वे, घूमें खूब विदेशों में।
अक्ल नहीं है शक्ल नहीं है, राम घुसे संदेशों में।
*नाम बुद्ध के कर्जा ले कर, सारा देश डुबाया है।*
*जनहित की धन दौलत से, अपना ढाँचा चमकाया है।*
शान्ति यहाँ लाने की खातिर, अभी क्रान्ति आगाज करो।
अगर गुलामी से बचना है, तो फिर अपना राज करो।
*एक बुद्ध का नाम लिया फिर, दौलत खूब बटोरी है।*
*चोरी की चोरी कर डाली, अब ये सीना जोरी है।*
ये सुर के संग्राम छिड़े हैं, अन्त किसी को पता नहीं।
ये बदली पीढ़ी वाले हैं, इनकी कोई खता नहीं।
*मन्थन अब प्रारम्भ हुआ है, झकझोरेंगे धीरे से।*
*मिथक मनोहर नहीं मिलेंगे, अब जमुना के तीरे से।*
हर जगह कहानी बदली है, हर जगह झूठ की गाथा है।
उत्तर दक्षिण सब देख लिया, अब फिर से ठनका माथा है।
*ये झूठ बदलते यहाँ वहाँ, न पहुँच कहीं पर हो पायी।*
*विज्ञान यहाँ जब से आया, आँगन में आयी अंगड़ाई।*
पल भर में पोल लगी खुलने, कुछ खुली दुकानें बन्द हुयीं।
भय ने भ्रम पैदा कर डाला, गति विधियाँ भी तो मन्द हुयीं।
*ये हवा नहीं रुकने वाली, ये सफर दूर तक जायेगा।*
*जो धारा में बह नहीं सका, वो रह रह कर पछतायेगा।*
ये कब्जा नहीं धृष्टता है, बहुरुपियों की मनमानी है।
सबने ही मन में ठाना है, अब किसमें कितना पानी है ?
*संग्राम नहीं साधारण है, सबको हरकारा जायेगा।*
*जो घर में घुस कर बैठा है, वो भी तो मारा जायेगा।*
*ले कर के नाम बुद्ध का फिर से, झूठ पसारा जायेगा।*
*महाबोधि की दशा देख लो, कहाँ सितारा जायेगा।*
*मदन लाल अनंग*
द्वारा : मध्यम मार्ग समन्वय समिति।
*1-* वैचारिक खोज बीन के आधार पर समसामयिक, तर्कसंगत और अकाट्य लेखन की प्रक्रिया *मध्यम मार्ग समन्वय समिति* के माध्यम से जारी *2700 से अधिक लेख/रचनायें* सोशल मीडिया पर निरंतरता बनाये हुए हैं।
*2-* कृपया रचनाओं को अधिक से अधिक अग्रसारित करें।
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