क्या RSS को दशहरे के आयोजनों में हथियारों के प्रदर्शन हेतु अनुमति लेनी होती है? यदि हाँ, तो किस कानून के तहत?
🛑 गृह मंत्रालय का चौंकाने वाला जवाब: क्या RSS को हथियार दिखाने की खुली छूट मिली है?
RTI (सूचना का अधिकार) के तहत पूछे गए बेहद गंभीर सवालों पर गृह मंत्रालय ने या तो "जानकारी उपलब्ध नहीं है" कहा या RTI कानून की धारा 2(f) का हवाला देकर जवाब देने से साफ इंकार कर दिया है।
👉 RTI में पूछे गए मुख्य सवाल:
क्या RSS द्वारा दशहरे पर सार्वजनिक रूप से हथियारों (जैसे तलवारें, बंदूकें आदि) के प्रदर्शन के लिए कोई नीति, आदेश या परिपत्र जारी किया गया है?
📌 जवाब: "सूचना उपलब्ध नहीं है।"
क्या 2010 से 2024 के बीच इन आयोजनों को लेकर मंत्रालय को कोई शिकायत, रिपोर्ट या जानकारी मिली है?
📌 जवाब: "सूचना उपलब्ध नहीं है।"
क्या इन हथियारों की जाँच, पंजीकरण या किसी केंद्रीय/राज्य एजेंसी द्वारा निरीक्षण किया गया है?
📌 जवाब: "सूचना उपलब्ध नहीं है।"
क्या RSS को दशहरे के आयोजनों में हथियारों के प्रदर्शन हेतु अनुमति लेनी होती है? यदि हाँ, तो किस कानून के तहत?
📌 जवाब: RTI की धारा 2(f) का हवाला देते हुए, "हम सलाह या स्पष्टीकरण नहीं दे सकते।"
क्या ऐसे आयोजनों को लेकर शिकायतें या एफआईआर दर्ज हुई हैं?
📌 जवाब: "नहीं।"
क्या गृह मंत्रालय ने इस विषय पर राज्यों को कोई चेतावनी, परामर्श या दिशा-निर्देश जारी किए हैं?
📌 जवाब: "सूचना उपलब्ध नहीं है।"
❗ स्पष्ट है कि मंत्रालय के पास या तो कोई रिकॉर्ड नहीं है, या वे जवाब देने से बच रहे हैं।
📢 सवाल उठता है:
दशहरे पर खुलेआम हथियारों का प्रदर्शन अगर बिना अनुमति और नियमों के हो रहा है, तो यह कानून का उल्लंघन नहीं है क्या?
क्या सरकार जानबूझकर ऐसे संगठनों को विशेष छूट दे रही है?
📌 RTI कानून का गलत इस्तेमाल कर जवाब देने से बचा जा रहा है, ताकि जनता तक सच न पहुंचे।
⚖️ लोकतंत्र में पारदर्शिता ज़रूरी है। इस प्रकार के जवाब जवाबदेही से भागने का प्रतीक हैं।
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