कब बनेगी खेती लाभ का धंधा... खेती को लाभ का धंधा बनाने के दावो के बीच एक हकीकत यह भी है कि पूरी मेहनत करने के बाद भी लाभ मिलना तो दूर लागत तक नहीं निकल पाती हैं. किसान निराशा में कई बार फसल को फेंक देते हैं या फिर मवेशियों को खिला देते हैं. इस बार प्याज की फसल किसान को रूला रही हैं. बदनावर की मंडी में किसान ने 1250 किलो प्याज बेचा, बिक्री राशि महज 248 रुपए हाथ लगी. याने एक किलो प्याज की कीमत 19 पैसे मिली.