कांग्रेसी मानसिक गुलाम दलित जरूर पड़ें जो आज जय बापू जय भीम बोल रहे हैं और बोल रहे हैं कि कांग्रेस सविधान बचाएगी.....
#साइमन_कमीशन_क्या_था: ---
साइमन आयोग सात ब्रिटिश सांसदो का समूह था, जिसका गठन 1927 मे भारत मे संविधान सुधारों के अध्ययन के लिये किया गया था। इसे साइमन आयोग (कमीशन) कहते हैं । इसके अध्यक्ष सर जोन साइमन के नाम पर साइमन कमीशन कहा जाता है।
#साइमन_कमीशन_के_सुझाव: ---
साइमन कमीशन की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि- (१) प्रांतीय क्षेत्र में विधि तथा व्यवस्था सहित सभी क्षेत्रों में उत्तरदायी सरकार गठित की जाए। (२) केन्द्र में उत्तरदायी सरकार के गठन का अभी समय नहीं आया। (३) केंद्रीय विधान मण्डल को पुनर्गठित किया जाय जिसमें एक इकाई की भावना को छोड़कर संघीय भावना का पालन किया जाय। साथ ही इसके सदस्य परोक्ष पद्धति से प्रांतीय विधान मण्डलों द्वारा चुने जाएं।
जब बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर विदेश से पढकर भारत में बडौदा नरेश के यहां नौकरी करने लगे तो उनके साथ बहुत #ज्यादा_जातिगत_भेदभाव हुआ। इस कारण उन्हें 11 वें दिन ही #नौकरी_छोड़कर बडौदा से वापस बम्बई जाना पड़ा। उन्होंने अपने समाज को अधिकार दिलाने की बात ठान ली।
उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत को बार-बार #पत्र लिखकर #depressed_class की स्थिति से अवगत करवाया और उन्हें #अधिकार देने की माँग की।
बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर के #पत्रों में वर्णित #छुआछूत व #भेदभाव के बारे में पढकर #अंग्रेज़ दंग रह गए कि क्या एक मानव दूसरे मानव के साथ ऐसे भी पेश आ सकता है। बाबा साहेब के तथ्यों से परिपूर्ण तर्कयुक्त पत्रों से #अंग्रेज़ी_हुकूमत अवाक् रह गई और 1927 में depressed class की स्थिति के अध्ययन के लिए #मिस्टर_साईमन की अध्यक्षता में एक #कमीशन का गठन किया गया।
जब #कांग्रेस व #महत्मा_गांधी को कमीशन के भारत आगमन की सूचना मिली तो उन्हें लगा कि यदि यह कमीशन भारत आकर depressed class की #वास्तविक_स्थिति का अध्ययन कर लेगा तो उसकी रिपोर्ट के आधार पर अंग्रेजी हुकूमत इस वर्ग के लोगों को अधिकार दे देगी। कांग्रेस व महत्मा गांधी ऐसा होने नहीं देने चाहते थे।
#साइमन_कमीशन_का_बिरोध: ----
कमीशन के सभी सदस्य अंग्रेज (केवल बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर को छोड़कर) थे । जो कि भारतीय मनुवादी विचाराधारा के पैरोकारी करने वाले जवाहर लाल नेहरू , महात्मा गांधी, लाला लाजपत राय जैसे नेताओं को नागवार गुजरा और इससे वे अपना अपमान समझते थे । और वे अपनी सामाजिक शाषन सत्ता को डगमगाते देख साइमन कमीशन विरोध करने लगे । चौरी चौरा की घटना के बाद असहयोग आन्दोलन वापस लिए जाने के बाद आजा़दी की लड़ाई में जो ठहराव आ गया था वह अब साइमन कमीशन के गठन की घोषणा से टूट गया। 1927 में मद्रास में #कांग्रेस का #अधिवेशन हुआ जिसमें #सर्वसम्मति से साइमन कमीशन के #बहिष्कार का फैसला लिया गया। #मुस्लिम_लीग ने भी साइमन के बहिष्कार का फैसला किया।
साइमन कमीशन कोलकाता लाहौर लखनऊ, विजयवाड़ा और पुणे सहित जहाँ जहाँ भी पहुंचा उसे #जबर्दस्त_विरोध का सामना करना पड़ा और लोगों ने उसे काले झंडे दिखाए। पूरे देश में #साइमन_गो_बैक (साइमन वापस जाओ) के नारे गूंजने लगे।
अतः 1927 में जब साईमन कमीशन #अविभाजित भारत के लाहौर पहुंचा तो पूरे भारत में कांग्रेस की अगुवाई में जगह-जगह पर #विरोध_प्रदर्शन हुआ और लाहौर में मिस्टर साईमन को काले झंडे दिखा कर go back के नारे लगाए गए। बाबा साहेब स्वयं मिस्टर साईमन से मिलने लाहौर पहुंचे और उन्हें 400 पन्नों का प्रतिवेदन देकर depressed class की स्थिति से अवगत कराया। कांग्रेस ने मिस्टर साईमन की #आँखों_में_धूल_झोंकने के लिए उनके सामने #ब्राह्मणों को depressed class के लोगों के साथ बैठ कर भोजन करवाया (बाद में #ब्राह्मण अपने घर जाकर #गोमूत्र_पीकर उससे #नहाये)। यह सब पाखण्ड देखकर #बाबा_साहेब_डॉ #अम्बेडकर #मिस्टर_साईमन को गांव के एक #तालाब पर ले गये। उनके साथ एक #कुत्ता भी था। वह कुत्ता अपने स्वभाव के मुताबिक सबके सामने उस तालाब में डुबकी लगाकर नहा कर बाहर आया। तब बाबा साहेब ने एक depressed class के व्यक्ति को #तालाब का पानी पीने के लिए कहा। उस व्यक्ति ने घबराते हुए जैसे ही पानी पिया तो आसपास के #ब्राह्मणों_ने_हमला_बोल_दिया। आखिरकार बाबा साहेब सहित अन्य व्यक्तियों को पास की एक #मुस्लिम बस्ती में शरण लेकर अपना #बचाव करना पड़ा।*
#मिस्टर_साईमन को सब कुछ समझ में आ गया। उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत को #वस्तु_स्थिति_रिपोर्ट_सौंप_दी। बाबा साहेब भी बार-बार पत्राचार करते रहे और उन्होंने लंदन जाकर अंग्रेजी हुकूमत के वरिष्ठ अधिकारियों व राजनेताओं को बार-बार भारत की depressed class को अधिकार देने की मांग की।
#बाबा_साहेब_डॉ_अम्बेडकर के तर्कों को अंग्रेजी हुकूमत नकार नहीं सकी और उसने भारत की depressed class को अधिकार देने के लिए 1930 में #communal_award (संप्रदायिक पंचाट) पारित किया।
*हमें विद्यालय में यह पढाया गया था कि कांग्रेस ने साईमन कमीशन को काले झंडे दिखा कर go back के नारे लगाए। परंतु उसने वास्तव में ऐसा क्यों किया, यह नहीं पढाया गया।*
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