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अप्रैल, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सवर्ण_हिन्दू vs #पिछडा_हिन्दू

    #सवर्ण_हिन्दू vs #पिछडा_हिन्दू                कोरोना ने बता दिया, इस देश का सबकुछ उच्च मध्यवर्ग और मध्यवर्ग के लिए है, मेहनतकशों के हिस्से उपेक्षा, अपमान और अभाव है- संदर्भ कोटा - राजस्थान से मध्यवर्ग के बेटे-बेटियों को लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 300 बसों का इंतजाम किया। जहां एक ओर प्रवासी मजदूरों को लॉकडाउन के नाम पर यातना गृहों  जैसी जगहों में रहने या किसी पुल नीचे जानवरों की तरह दिन-रात काटने के लिए विवश किया जा रहा है, वहीं उच्च मध्यवर्ग और मध्यवर्ग लोगों को उनके सुकूनदायी स्थानों पर पहुंचाने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। इसकी शुरूआत विदेशों से  अमीरोंजादों और उनके बेटे-बेटियों को लॉक डाउन ले पहले लाने से शुरू हुई थी। सैकड़ों की संख्या निजी हवाई जहाजों से बड़े लोग और उनके बेटे-बेटी आए। फिर लॉक डाउन के बीच हरिद्वार-ऋषिकेश से विशेष बसों में गुजरात के पर्यटकों को उनके घरों पर पहुंचाया गया। कुछ पर्यटकों को तमिलनाडु से उनके घरों में पहुंचाया गया। अन्य जगहों से भी। पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा और उनके बेटे पूर्व म...

सुप्रीम कोर्ट जज अरुण मिश्रा

    सुप्रीम कोर्ट जज अरुण मिश्रा पर महाभियोग चलाने के लिए Circumstantial Evidence अर्थात गतिविधिक सबूत मौजूद है ! कैसे भूमि अधिग्रहण मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज को फायदा पहुंचाकर किसानों का नुकसान किया. अडानी और अंबानी से जुड़े हुए हर मामले की सुनवाई जज अरुण मिश्रा क्यों करते हैं ? उनके हर फैसले में अडानी अंबानी को आर्थिक लाभ क्यों मिलता है और अन्य टेलीकॉम कंपनियों को हानि क्यों होती है ? चातुर्वर्ण व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए अरुण मिश्रा के कुछ विवादास्पद फैसले. 1) SC ST एक्ट को कमजोर किया. 2) 13 पॉइंट रोस्टर प्रणाली लागू करवाकर ओबीसी एससी एसटी शिक्षकों के लिए यूनिवर्सिटी के दरवाजे बंद कर दिया. 3) आरक्षण को मौलिक अधिकार मानने से इंकार कर दिया, और राज्य के अधीन कर दिया आरक्षण देना है या नही. 4) दिल्ली में गुरु रविदास मंदिर को ध्वस्त करने का फैसला सुनाया. 5) आरक्षण के समीक्षा पर फैसला दिया. 6) आदिवासी बहुल इलाकों में आदिवासी समुदाय को शिक्षक भर्ती में मिला 100% आरक्षण खत्म कर दिया. 7) बहुजन बुद्धिजीवी आनंद तेलतुंबड़े को जेल और दंगाई अर्नब गोस्वामी को राहत. भूखे प्यासे मजदूरों...

*संघर्ष जारी है,,,,पौधों में मुश्कान ला के रहेंगें,,*🌴🌴

    *संघर्ष जारी है,,,,पौधों में मुश्कान ला के रहेंगें,,*🌴🌴🌴🌴🙏    बिलासपुर । विगत दिनों से वृक्षारोपण परिक्षेत्र  में किए गए हमारे क्लब के  मित्रों की मेहनत रंग लाने लगी है । आज हमारे वृक्षारोपण परिक्षेत्र के पौधों में हम एक अलग तरह की मुस्कान देखी,,,।  हमारे संगठन की मेहनत को आज *दैनिक हरिभूमि* ने विशेष स्थान प्रदान करते हुए ,वर्षा ऋतु में अचानक से निकलने वाले वृक्षारोपण प्रेमी  रूपी संगठनो व  लोगों  को आईना दिखाया है ।  अभी भी समय है, उन महान वृक्षारोपण प्रेमियों के लिए समय निकालें गत वर्ष  वर्षा ऋतु में   आपके   व आपके अपनो द्वारा रोपित पौधों को  पानी  देकर  कर पुण्य के   सहभागी बने,,,,, धन्यवाद,,, 🙏 भुवन वर्मा सयोंजक वृक्षारोपण परिक्षेत्र अरपा  साईड सेंदरी  ,बिलासपुर 9827124304 जय हिंद,,,जय छत्तीसगढ़,,,,,,,, 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴

कर्म से पहले अंजाम सोचें

    ✍️कर्म से पहले अंजाम सोचें✍️      एक बार राजा नगरचर्या में निकले। रास्ते में देखा कि एक फकीर चिल्ला रहा था, 'एक नसीहत एक लाख' राजा को जिज्ञासा हुई। राजा ने फकीर से पूछा, तो जवाब मिला कि यदि आप धनराशि दे, तो ही आपको नसीहत प्राप्त होगी। राजा ने अपने वजीर से कहकर धनराशि फकीर को दी और नसीहत के रूप में, कागज का एक टुकड़ा प्राप्त किया। कागज पर लिखा था, 'कर्म करने से पहले उसके अंजाम को सोच।' राजा ने फकीर से पूछा, 'इसके लिए इतनी धनराशि आपने ली?' फकीर ने मुस्कुराते हुए कहा, 'यही नसीहत एक दिन आपके प्राण बचाएगी।' राजा ने महल में जगह-जगह इस नसीहत को फ्रेम करवाकर लगवा दिया। कुछ दिनों के पश्चात राजा बीमार पड़ा, तो वजीर के मन में बड़ा लालच पैदा हुआ और वह राजा का खून करने के लिए उनके खंड में पहुंच गया। ज्यों ही वह राजा पर हमला करने के लिए आगे बढ़ा, उसकी नजर फकीर के दिए हुए संदेश पर पड़ी, जिसमें लिखा था, 'कर्म करने से पहले अंजाम को सोच'... वजीर ने परिणाम के बारे में सोचा और थम गया। उसने तुरंत राजा के पैरों में गिरकर माफी मांगी। इस कहानी से हमें सबसे बड़ी सीख ...

चाहत का फल

    *चाहत का फल*  यह होम क्वारंटाइन मांगी गई इच्छाओं का फल है। इसे स्वीकार करते हुए  इस तरह से देखें👇 *1. बच्चे :* चाहते थे कि उनका कोई स्कूल न हो और वह सारा दिन खेल सकें। *(और यह हो गया)*  *2. महिला :* चाहती थी कि उनके पति उनके साथ समय बिताते हुए घर के हर काम में हाथ बटाएं। *(और यह हो गया)*  *3. पति :* मैं इस ट्रैफिक से परेशान हूँ और चाहता हूँ कि मैं घर पर रहूँ  और कोई काम भी न करूँ और वेतन भी घर बैठे पाऊँ । *(और यह हो गया)*  *4. नौकरीपेशा महिलाएं :* काश मैं अपने बच्चों के साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिता पाऊं। *(और यह हो गया)*  *5. विद्यार्थी :* काश मैं परीक्षा के लिए अध्ययन नहीं करता और एग्जाम टल जाए। *(और यह हो गया)*  *6. वृद्ध माता-पिता :* काश हमारे बच्चे रोज़ व्यस्त होने के बजाय हमारे साथ अधिक समय बिता पाते ? *(और यह हो गया)*  *7. कर्मचारी :* मैं नौकरी से तंग आ चूका हूँ। मुझे एक ब्रेक की जरूरत है। *(और यह हो गया)*  *8. व्यापारीः* हमारा कोई जीवन नहीं है, काश घर बैठकर टीवी देख सकते। *(और यह हो गया)*  *9. पृथ्वी :* मैं सांस ...

दो बार पढने पर ही समझ आ सकता है

    ```*🙏दो बार पढने पर ही समझ आ सकता है 🙏 मध्य प्रदेश के शिवपुरी ज़िले में एक अदभुत घटना घटी है, दीपक शर्मा नाम का ब्राह्मण गल्फ कंट्री में नौकरी करता था, 24 मार्च को कोरोना सहित भारत में कदम रखा ! पता नही एयरपोर्ट से घर तक कितने लोगों को संक्रमित किया होगा. घर आकर उसने अपने माता पिता को संक्रमण दिया. कुछ दिन बाद लक्षण दिखाई देने पर जांच हुई तो कोरोना वायरस की पुष्टि हुई, ज़िला प्रशासन ने पूरे परिवार को 15 दिनों तक सरकारी अस्पताल में QUARANTINE में रखा. ठीक होने पर यह ब्राह्मण परिवार अपने मोहल्ले में वापस लौटा. लेकिन मोहल्ले के लोग और पडोसी फिजिकल दुरी के साथ सामाजिक दुरी अर्थात सोशल डिस्टेंस का कड़ाई से पालन करने लगे ! लोग दूर दूर रहने लगे, कोई भी इनके घर के पास से भी नही भटकता.... लोग सही तो कर रहे थे बीमारी रोकने का येही तरीका वाजिब भी है लेकिन ब्राह्मण परिवार को यह सोशल डिस्टेंस भेद भाव अर्थात अमानवीय व्यवहार लगा, दुखी होकर... रोने लगे... शिकायत करने लगे हमसे भेद भाव नही किया जाए, यह अमानवीय व्यवहार है यातना है शोषण है. ब्राह्मण मिडिया और उत्तर भारत के बनियों के अखबारों ने...

सभी लड़कियां और महिलाएं विशेष ध्यान दें देख कर पढ़ें और ज्यादा से ज्यादा अपनी सहेलियों को अपनी बहनों को शेयर करें

    *सभी लड़कियां और महिलाएं विशेष ध्यान दें देख कर पढ़ें और ज्यादा से ज्यादा अपनी सहेलियों को अपनी बहनों को शेयर करें*। भारत में आज नारी 18 वर्ष की आयु के बाद ही बालिग़ अर्थात विवाह योग् हैय मानी जाती है।  परंतु मशहूर अमेरिकन इतिहासकार कैथरीन मायो (Katherine Mayo) ने अपनी बहुचर्चित पुस्तक *"मदर इंडिया"* (जो 1927 में छपी थी) में स्पष्ट लिखा है कि भारत का रूढ़िवादी हिन्दू वर्ग नारी के लिए 12 वर्ष की विवाह/सहवास आयु पर ही अडिग था। 1860 में तो यह आयु *10 वर्ष* थी। इसके 30 साल बाद 1891में अंग्रेजी हकुमत ने काफी विरोध के बाद यह आयु *12 वर्ष* कर दी। कट्टरपंथी हिन्दुओं ने 34 साल तक इसमें कोई परिवर्तन नहीं होने दिया। इसके बाद 1922 में तब की केंद्रीय विधान सभा में *13 वर्ष* का बिल लाया गया। परंतु धर्म के ठेकेदारों के भारी विरोध के कारण वह बिल पास ही नहीं हुआ। 1924 में हरीसिंह गौड़ ने बिल पेश किया। वे सहवास की आयु *14 वर्ष* चाहते थे। *इस बिल का सबसे ज्यादा विरोध पंडित मदन मोहन मालवीय ने किया*, जिसके लिए 'चाँद' पत्रिका ने उनपर लानत भेजी थी। अंत में सिलेक्ट कमेटी ने 13 वर्ष पर सहमति...

अधिकार सविंधान से मिले है, भगवान से नही-

      *अधिकार सविंधान से मिले है, भगवान से नही-*👇🙏🌹 👉2 रु• किलो गेंहू 3 रु• किलो चावल भोजन का अधिकार भी सविंधान से मिला है/ 👉ग़रीब होने की वजह से निजी विद्यालयों में भी 25% सीटों पर मुफ़्त में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार भी सविंधान से मिला है/ 👉अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ी जाति के लोगो व महिलाओं को भी सम्मान जनक जीवन जीने का अधिकार भी सविंधान से मिला है/ 👉बेघर गरीबों को मुफ़्त में घर देने का भी अधिकार सविंधान से मिला है/ 👉बहुजनों को किसी भी जगह पानी पीने का भी अधिकार सविंधान से मिला है/ 👉छुआछूत की वजह से कोई शिक्षा और नौकरी से वंचित न रह जाये इसलिए आरक्षण का भी अधिकार सविंधान से मिला है/ 👉विद्यालयों में शिक्षा प्राप्ति ग़रीबी बाधा न बने इसलिए छात्रवृत्ति और शुल्क वापसी का भी अधिकार सविंधान से मिला है/ 👉संवैधानिक दायरे में बोलने का भी अधिकार सविंधान से मिला है/ 👉विधवाओं, गरीबों अन्य को पेंशन का अधिकार भी सविंधान से मिला है/ 👉विद्यालयों में बच्चों को मुफ़्त किताबें व आधे दिन का भोजन (मिड डे मील) का अधिकार भी सविंधान से मिला है/ 👉बहुजनों को जाति के आधार पर जुल्म कर...

अंधभक्ति में लीन "ओबीसी" और खत्म होता "ओबीसी" का भविष्य....

  *अंधभक्ति में लीन "ओबीसी" और खत्म होता "ओबीसी" का भविष्य......* 🌚🌚🌚🌚🌚🌚🌚🌚🌚🌚🌚🌚 *भारत की राजनीति समझना है तो जरूर पढ़ें।* *1977 मेँ जनता पार्टी की सरकार बनी जिसमे मोरारजी  ब्राह्मण थे।*जिनको _जयप्रकाश नारायण_ द्वारा प्रधानमंत्री पद के लिऐ नामांकित किया था।* *चुनाव मेँ जाते समय जनता पार्टी ने अभिवचन दिया था कि यदि उनकी सरकार बनती है तो वे "काका कालेलकर कमीशन" लागू करेंगे। जब उनकी सरकार बनी तो OBC का एक प्रतिनिधिमंडल* मोरारजी को मिला और *काका कालेलकर कमीशन* लागू करने के लिऐ मांग की मगर _मोरारजी_ ने कहा कि _*कालेलकर कमीशन*_ की रिपोर्ट पुरानी हो चुकी है। इसलिए अब बदली हुई परिस्थिति मेँ नयी रिपोर्ट की आवश्यकता है। *यह एक शातिर बाह्मण की OBC को ठगने की एक चाल थी*। प्रतिनिधिमडंल इस पर सहमत हो गया और *B.P. Mandal* जो बिहार के यादव थे, उनकी अध्यक्षता मेँ *मंडल कमीशन* बनाया गया। बी पी मंडल और उनके कमीशन ने पूरे देश में घूम-घूमकर 3743 जातियोँ को OBC के तौर पर पहचान किया जो 1931 की जाति आधारित गिनती के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या 52% थे। मंडल कमीशन ने अपनी र...

किरोना वायरस का इससे कोई लेना-देना नहीं है"..दिवाली तो मनेगी लेकिन 14 अप्रैल को

    6 अप्रैल 1980 को BJP की स्थापना हुई थी और 5 अप्रैल को 40 वर्ष पूरे होने की खुशी में दिया जलाकर खुशी मनाना चाहते हैं..अब समझे सभी साथी "किरोना वायरस का इससे कोई लेना-देना नहीं है"..दिवाली तो मनेगी लेकिन 14 अप्रैल को      

राजा_नंगा_है

        #राजा_नंगा_है। एक बहुत मशहूर कहानी है कि एक राजा था जो बहुत घमंडी था और जो उसकी चाटुकारिता करता उनसे खुश रहता जिससे उसके दरबार में ज्यादातर चाटुकारों का ही बोलबाला था, जनता हित और राज्य की समस्याओं पर किसी का ध्यान नहीं जाता था। एक दरबारी जो सच्चा ईमानदार और जनता का सेवक था जो राज्य का भला चाहता था उसने राजा की आंखें खोलने का प्लान बनाया। दूसरे देश से उसने कुछ लोग बुलाए और राजा से बोला राजन ये फलां देश के बुनकर हैं बहुत शानदार कपड़ा बुनते हैं मैंने आपके लिए इनको बुलाया है ये सोने चांदी के तारों से आपके लिए बहुत सुंदर पोशाक बुनेंगे जैसा आजतक किसी ने नहीं बुना होगा। वह पोशाक तिलिस्मी होगी जो सिर्फ सच्चे और ईमानदार लोगों को दिखाई देगी, झूठे और बेईमान लोगों को दिखाई नहीं देगी।  राजा बहुत खुश हुआ और उनकी मांग के अनुसार सोना चांदी हीरे जवाहरात दिए और कपड़े बुनने के लिए एक मकान दिया जहां वो आराम से अपना काम कर सकें। मकान में कपड़ा बुनने का काम शुरू हो गया कुछ दिन बाद राजा ने अपने दरबार के कुछ लोगों को भेजा कि देखो जाकर कपड़ा कैसा बन रहा है।  जब दरबारी गये ...

कोरोना भी भारत मे आकर समझ  नही पा रहा है की मै वायरस हूँ। या त्योहार

    *कोरोना भी भारत मे आकर समझ  नही पा रहा है की मै वायरस हूँ। या त्योहार     6 अप्रैल 1980 को BJP की स्थापना हुई थी और 5 अप्रैल को 40 वर्ष पूरे होने की खुशी में दिया जलाकर खुशी मनाना चाहते हैं..अब समझे सभी साथी "किरोना वायरस का इससे कोई लेना-देना नहीं है".

अगर कोई अपने समाज का भाई बंधू मोदी भक्त है, तो कृपया

      *अतिआवश्यक सूचना* आप सभी से ये गुजारिश है कि आप कम से कम अपने पचास लोगो (रिश्तेदारों) को सूचित करें कि वो बीजेपी (मोदी) को अपना कीमती वोट ना दें और अपने समाज को बर्बाद होने से बचाऐं।       आप सभी को यह भली भांति मालूम है कि बीजेपी सरकार के शासन काल में SC/ST पर सबसे ज्यादा अत्याचार, रेप, मार पिटाई और क़त्ल हुए और सबसे ज्यादा हम लोगों के अधिकारों का हनन हुआ है। ये बीजेपी सरकार ही है जो आरक्षण को ख़त्म करने में लगी है, यह वही सरकार है जिसके शासन में सबसे ज्यादा जातिय हिंसा हुई। फीस बढाकर या जनरल केटेगरी के बराबर फीस लेकर आपको शिक्षा से दूर करने की कोशिश की जा रही है।         अगर ऐसा होता रहा तो आपकी आने वाली पीढ़ी ना तो  शिक्षा प्राप्त कर सकेगी और ना ही नौकरी प्राप्त कर पायेगी और फिर वही पुराने ज़माने की तरह हम गुलाम, शोषित और सवर्णो के मजदूर बन कर रह जाएगें। क्योंकि आपके पास न तो जमीन है और न ही शिक्षा रहेगी, जिसके सहारे आप कुछ कर सकोगे।  यदि बीजेपी/मोदी की जीत हुई तो ये संविधान को बदल देंगे और मनु संहिता लागू कर देंगे   ...

कोरोना वायरस के कारण घरों में लॉकडाउन जरूरतमंद लोगों के लिए बढ़ रहे मदत के हाथ

      🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 *कोरोना वायरस के कारण घरों में लॉकडाउन जरूरतमंद लोगों के लिए बढ़ रहे मदत के हाथ .....*  🙏 *अपील*  🙏 *साथियों,आज संपूर्ण विश्व में कोरोना वायरस की महामारी से अनेकों लोगों ने शरीर छोड़ दिया है,अनेकों लोग मौत से जूझ रहे हैं और ऐसे में हमारे प्रदेश में अनेकों लोग गरीबी,आर्थिक सहयोग से और घरों में भूख व प्यास से बिलख रहे लोगों की सहायता के लिए हाथ बढ़ाए. आज हमें इस बात को साबित करना होगा कि *वह समय बीत गया जब हम लेने वाला समाज था आज हमें दुनिया को बताना होगा कि भगवान बुद्ध की करूणा से आज हम देने वाला समाज है*। * डॉ बाबासाहेब आंबेडकर की 129वीं जयंती पर *समाज का दायित्व निभाने का संकल्प करे और कम से कम पांच जरूरतमंद लोगो की मदद के लिए हमें सहयोग दे*. 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏       *कोरोना वायरस के कारण गरिब और जरूरतमंद  लोगों के लिए बढ़ रहे मदत के हाथ .....* *1. पुज्य भन्ते शाक्यापुञ सागर, भोपाल-7000/-रू*. *2.मा.व्ही.के.बाथम,IAS,भोपाल -300किलो आटा*/ *3. डॉ साहेबराव सदावर्ते, भोपाल -200किलो चावल*/ *4. आयु.चद्रंप्रकाश गोलाईत, भोपा...

अंबेडकर माह संगोष्ठी श्रृंखला-5

  *अंबेडकर माह संगोष्ठी श्रृंखला-5* मान्यवर कांशीराम और उनका योगदान            (05 अप्रैल 2020) मान्यवार कांशिराम आधुनिक भारत में समाज बदलने वाले माहानायकों की कड़ी में अंतिम स्तंभ थे . उन्होने  उन लोगों में सम्राट चन्द्र गुप्त मौर्य और सम्राट  आशोक की विरासत के वारीस  बनने का जूनुन पैदा किया जो सदियों से अपने ही घर में विदेशी आर्यों द्वारा गुलाम बना लिये गये  थे .        मान्यवर ने महज 108 साल का इतिहास पढ़ा कर बहुजनो के हाथ में राजनीति का मास्टर key थमा दिया . उनमे  अदभूत संगठन  शक्ती थी तथा हमे सिखाया की राजनीति साध्य नहीं साधन है व्यवस्था परिवरतन का . उन्होंने बामसेफ की स्थापना कर बहुजनों को एक मजबूत सामाजिक आधार दिया ताकि सामाजिक क्रांति की पहिया गतिशील रहे। ऐसे महान समाजिक क्रांतिकारी धरती पर बार बार आए!            मान्यवर के कुछ अनमोल विचार:- 1. समाज से समर्थ हो कर, समाज को हमें समर्थ बनाना है यानि मैन, माइंड और मनी से pay back to society करना है। 2. बहुजन नायकों के नि...

बीमारी का नाम  पहचान , व्यवहार,  मौत

  बीमारी का नाम  पहचान , व्यवहार,  मौत   बीमारी का नाम रेबीज पहचान जानवर जैसा व्यवहार एक बार हो जाने पर 100% मौत वायरस का नाम: *अबूला* पहचान: *कमज़ोरी और बुख़ार* मौत होने की संभावना: *90%* वायरस का नाम: *Marburg मारबर्ग* पहचान: *आंतों की प्रॉब्लम की वजह से, 10 दिन में मौत।* मौत होने की संभावना: *88%* वायरस का नाम: *निपाह* पहचान: *मानसिक उलझन के बाद मौत* मौत होने की संभावना: *75%* वायरस का नाम: *क्रीमियन कांगो* पहचान: *नाक और मुंह का नीला होना और ख़ून बहना* मौत होने की संभावना: *40%* वायरस का नाम: *सार्स* पहचान: *सांस मुश्किल से आता है।* मौत होने की संभावना: *36%* वायरस का नाम: *ज़ीका* पहचान: *जोड़ों में दर्द और त्वचा पर लाल चकत्ते होना* मौत होने की संभावना: *20%* वायरस का नाम: *एंफ्लुएंज़ा* पहचान: *गले में जलन व दर्द* मौत होने की संभावना: *13%* वायरस का नाम: *कोरोना* पहचान: *सांस की नाली में इंफेक्शन* मौत होने की संभावना: *2%* क्या आप जानते हैं *कोरोना वायरस* से चीन में इन आख़िरी ढ़ाई महीनों में 75 हज़ार से ज़्यादा लोग इंफेक्टेड हुए जिनमें से 2200 लोग ही मरे। ? क्या ...